Book Title: Pratikramana sutra Abhinava Vivechan Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Arhant Shrut Prakashan

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Page 235
________________ ૨ ૩૪ પ્રતિક્રમણસૂત્ર વિવેચન-૪ । | भ | माग पृष्ठ | ܩܢ ܚ ܩܢ ܢܫ ܚ ܚ ܚ ܩܢ ܩܢ ܐ ܩܢ ܩܢ ܩܢ ܩ प्रात श६ | संस्कृत ३५iतर कल्लाण कल्याण कल्लाण कल्याण कल्लाणकंद कल्याणकन्द कल्लाणवल्लीण कल्याणवल्लीनां कपाय कषायताप कपायतापार्दित कसाय कपाय कसाय कपाय कसाय कषाय कसाय कषाय कसाय कषाय कसायमुक्क कपायमुक्त कस्सइ कस्यचित् कहा कथा काइअ कायिक काइ कायिक काउस्सग्ग कायोत्सर्ग काउस्सग्ग कायोत्सर्ग काउस्सग्ग कायोत्सर्ग काउस्सग्ग कायोत्सर्ग काउस्सग्ग कायोत्सर्ग काउस्सग्ग कायोत्सर्ग काउस्सग्ग कायोत्सर्ग काउस्सग्ग कायोत्सर्ग काउस्सग्ग कायोत्सर्ग काउस्सग्ग कायोत्सर्ग काएण कायेन काएण कायेन काएण कायेन काएण कायेन काम काम कामदेव कामदेव ૧૨૫ ૧૬૯ ૧૨૫ ૧૩૧ 3०० 3०० 300 ૧૨૧ ૨૪૧ ૧૧૧ ૨૮૮ ૦૯૯ ૧૨૧ ૨૧૦ ૨૫૫ ૨૩૧ ૨૨૨ ૧૭૫ ૧૮૯ ૧૦૯ ૧૧૭ ૧૭૮ ૨૦૯ ૨૨૯ ܐ ܩܢ ܟ ܩܢ ܚ ܩܢ ܚ ܐ ܩܢ ܩܢ ܩܢ ܩܢ ܩܢ ܩܢ ܐ ܩܢ 6 ܝ ܩܢ ܢܐ ૦૮ 033 ०४० ૨૫૯ ૨૨૨ ૧૭૦ ૨૧૬ ૧૪૭ ૧૭૫ कामदेव ૧૮૧

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