Book Title: Pratikramana sutra Abhinava Vivechan Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Arhant Shrut Prakashan

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Page 265
________________ ૨૬૪ પ્રતિક્રમણ સૂત્ર વિવેચન-૪ પ્રાકૃત શબ્દ | સંસ્કૃત રૂપાંતર सूत्र | म | माग पृष्ठ परदव्व परदव्वहरण परदार परदारगमण परदारगमणविरह परपत्तिअं ૩૫ ૩૫ ૩૫ ૩૫ ૩૫. ૧૩૯ ૧૩૯ ૧૪૬ ૧૪૬ a ૧૪૬ D ૨૭૮ ०७८ 22 परद्रव्य परद्रव्यहरण परदारा परदारागमन परदारागमनविरति पराप्रीतिकम् પરપરિવાદ परपरिवाद परम परमगुरु परलोक परलोकाशंसा परापर परिताप परिग्रह ૫૪ २3 परपरिवाय परम परमगुरु परलोअ परलोअ-आसंसा • en ૫૪ 34 X9 0 34 परिआव परिग्गह 34 પરિગ્રહ २२ 0 0 परिच्छेअ परिणाम परिथूलग परिमाण परिमाण परिमाण परिमाणपरिच्छेअ ५० परिच्छेद परिणाम परिस्थूलक परिमाण परिमाण परिमाण परिमाणपरिच्छेद <<<ww ww <Pww ww ww <wwww <ww <<ww wwwww ૩૫. ૩૫ ૩૫ २०० ૧૯૮ | ૨૨૦ ૨૨૦ ०८० २33 १०७ ०६८ ૧૫ર ૧૪૮ १33 ૧૫ર ૧૫૩ ૧૬૦ ૧પર ૧૫૪ १६3 ૧૩૮ ૧૬૮ ૨૬૦ ૨૯૮ १४3 ૨૦૭ ૧૪૨ ૧૨૦ १८3 ૩૫. 34 परिमल परियाविय परिहरह परीभोग परूवणा 34 परितापित परिहरत परीभोग प्ररुपणा परोक्ष परोपकार प्रपद्ये ૩૫ com to Go K6 0 0 0 3८ ५० परोवयार पवज्जामि पव्व ૫૪ पर्व ૫૦ पसंस 34 प्रशंसा प्रशंसति पसंसइ 43

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