Book Title: Pratikramana sutra Abhinava Vivechan Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Arhant Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 297
________________ ૨૯૬ પ્રતિક્રમણસૂત્ર વિવેચન-૪ | સૂત્ર | ક્રમ | ભાગ | પૃષ્ઠ २3 २३ सिद्ध सिद्ध ૩૫ 34 ४ यह कहा जा रहा है। ૫૧ | ૧ પ્રાકૃત શબ્દ | સંસ્કૃત રૂપાંતર सिद्ध सिद्ध सिद्ध सिद्ध सिद्ध सिद्ध સિદ્ધ सिद्ध सिद्ध सिद्ध सिद्ध सिद्ध सिद्धह सिद्धानां सिद्धा सिद्धाः: सिद्धि सिद्धि सिद्धि सिद्धि सिद्धि सिद्धि सिद्धिगइ सिद्धिगति PP< < < < < w_w ૨ | ૧૮૨ ૨૦૧ ૧૦૨ ૨૫૭ ૧૫૩ ૨૦૫ ૨૦૬ ૨૦૭ ૨૧૫ ૨ ૩૧ ૨૩૫ ૨૦૧ ૪૨ < १3 सिरसा शिरसा २3 ૪૫ < सिरसा सिरि सिरिदेवी सिरिय सिव सिव सिवा ૨૦ शिरसा श्री श्रीदेवी श्रियक 030 ૦૫૧ ૧૯૪ ૦૫૨ ૧૨૮ ૧૩૦ ૧૧૧ ૦૫૦ Koru eü eru ennw o örunonoomne on one über < < ४८ शिव १3 < सिहर सीअल सीमा सीया ૧૯૮ ૨૧૬ ૧૬૭ शिव शिवा शिखर शीतल सीमा सीता सीरं शील शीलाङ्ग शीलकलिता शिष्य शिर्ष सीहगिरि CG No CG mwo ० ० ० ૧૨૯ १४४ ૧૪૨ ०४९ सील सीलंग सीलककिआ सीस सीस सीहगिरि w < < < १०८ ૨૮૭ ૨૯૨ ૧૧૫ ૧૭૫ सुअ श्रुत

Loading...

Page Navigation
1 ... 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306