Book Title: Pratikramana sutra Abhinava Vivechan Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Arhant Shrut Prakashan

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Page 239
________________ ૨ ૩૮ પ્રતિક્રમણસૂત્ર વિવેચન-૪ | સૂત્ર | ક્રમ | ભાગ | પૃષ્ઠ ૨૫ 3७ ૨૭૬ ૦૨૮ ૨૭૭ ૨૬૨ ૨૮૯ ૧૮૫ ૧૫૫ 033 033 OS ४१ ४१ । ४१ 34 २33 ૧૭૬ પ્રાકૃત શબ્દ | સંસ્કૃત રૂપાંતર खामेउं क्षमयितुम् खामेमि क्षमयामि खामेमि क्षमयामि खाममि क्षमयामि खामेमि क्षमयामि खासिअ कासित खित्त खित्त क्षेत्र खित्तदेवया क्षेत्रदेवता खित्तदेवयाए क्षेत्रदेवतायै खिप्प क्षिप्र खलु खेलसंचाल श्लेष्मसञ्चार - ग गन्ध गन्ध गंधहत्थी गन्धहस्तिन् गंधारी गन्धारी गण गण गण गम गमण गमन गमण गमन गमण गमन गमणपरिमाण गमनपरिमाण गमणागमण गमनागमन गम्मइ गम्यन्ते गज गयगामि गजगामि गयसुकुमाल गजसुकुमार गंध गंध 34 ww ૧૬૮ १८3 ०३२ ૧૩૪ १3 ४ गण २२ ૧૬૯ 39 ૨૧ ૩૫ ૩૫ ૨૮૮ ૧૫૧ ૧૪૨ ૧૪૫ ૧૫૯ ૧૬૦ 34 20 << PPwwwww ૧૫૯ ૨૯૬ १०० गय ४८ ४८ ४८ गर ૨૪ १०० ૧૨૧ ૨૦૬ ૨૬૫ ૨૬૨ ०३६ गर्हित्वा २u गरहिअ गरिहामि गरिहामि गहें

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