Book Title: Pratikramana sutra Abhinava Vivechan Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Arhant Shrut Prakashan
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૨૫૬
પ્રતિક્રમણ સૂત્ર વિવેચન-૪
પ્રાકૃત શબ્દ | સંસ્કૃત રૂપાંતર
सुत्र | 8 | माग
पृष्ठ
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૧૧૫ १४४
१४3 ૧૫૪
०८४
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૧૨૯
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नंदिसेण
૧૭૨ ૧૧૫
૧૫3
૦૮૫
नत्थि नमसंति नमसामि नमसामि
૨૧૦
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नन् नन्दा नन्दि नन्दिषेण નગર नत नास्ति नमस्यन्ति नमस्यामि नमस्यामि
नमत नर्मदासुन्दरी
नमस् नमस्कृत नमस्कृत्य
नमः नमामि नमामि नमामि नमि
2 2 28
१८3 ૧૬૬ ૧૯૯ ૦૯૦
नमयासुंदरी
૧૨૯
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नमामि नमामि नमामि नमि
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०७८ ૦૨૪ ०६८ ०७६ ૧૩૪ ૧૪૪ ૧૪૭ ૨૨૨ ૧૫૨ १५3 ૧૮૯ ૧૯૫ १४3 ૧૦૫
૦૨૦ १ | ०१८
नमुक्कार नमुक्कार नमुक्कार नमुक्कारो नमुत्थु नमो
नमस्कार नमस्कार नमस्कार नमस्कार नमोऽस्तु नमः
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