Book Title: Pramey Kamal Marttand Part 3
Author(s): Prabhachandracharya, Jinmati Mata
Publisher: Lala Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi

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Page 4
________________ जन्म : ज्येष्ठ कृष्णा & वि. सं० १६२८ Jain Education International 1035 परम पूज्य, प्रातः स्मरणीय, चारित्र चक्रवर्ती, आचार्यप्रवर १०८ श्री शान्तिसागरजी महाराज पंचेन्द्रिय सुनिर्दान्त, पंचसंसार भीरुकम् । शांतिसागरनामानं, सूरिं वंदेऽघनाशकम् ।। क्षुल्लक दीक्षा : ज्येष्ठ शुक्ला १३ वि. सं० १६७० उत्तूर ग्राम (कर्नाटक) मुनि दीक्षा : फाल्गुन शुक्ला १४ वि. सं० १६७४ यरनाल ग्राम (कर्नाटक) For Private & Personal Use Only समाधि १ द्वितीय भाद्रपदे वि. सं० २०१२ कुन्थल गिरि सिद्धक्षेत्र www.jainelibrary.dig

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