Book Title: Pramey Kamal Marttand Part 3
Author(s): Prabhachandracharya, Jinmati Mata
Publisher: Lala Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
View full book text
________________
ग्रन्थ प्राप्ति स्थान :
श्री दि० जैन त्रिलोक शोध संस्थान हस्तिनापुर ( मेरठ ) उ० प्र०
Jain Education International
प्रमेयकमल मार्त्तण्ड स्तुतिः
गंभीरं निखिलार्थं गोचर मलं शिष्य प्रबोधप्रदम् यद् व्यक्तं पदमद्वितीय मदिलं माणिक्यनंदि प्रभोः । तद् व्याख्यात मदो यथावगमतः किंचिन्मया लेशत: स्थेयाच्छुद्धधियां मनोरतिगृहे चन्द्रार्क तारावधि ॥१॥ मोहध्वान्त विनाशनो निखिलतो विज्ञान शुद्धिप्रदः मेयानंत नभोविसर्पण पटुर्वस्तु क्तिभा भासुरः । शिष्याब्ज प्रतिबोधनः समुदितो योऽद्र े: परीक्षामुखात् जीयात् सोऽत्र निबंध एष सुचिरं मार्त्तण्ड तुल्योऽमलः ||२||
For Private & Personal Use Only
मुद्रक : पाँचूलाल जैन
कमल प्रिन्टर्स मदनगंज - किशनगढ़ ( राज० >
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 762