Book Title: Pramey Kamal Marttand
Author(s): Mahendrakumar Shastri
Publisher: Satya Bhamabai Pandurang

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Page 8
________________ में शुद्धिपत्रम् । पृ० पं० अशुद्धम् शुद्धम् २१ १५ तदनन्तर तदन्तर६६ ६ विद्याख अविद्यास्व७० १४ -पर्यायाचेत -पर्यायचेत८७ ८ -ल्लिङ्गाङ्गिनि -लिङ्गाल्लिङ्गिनि ११५ १५ -तत्त्वा (तस्तत्त्वा)न्त- -तत्त्वान्त११७ ६ -तम् -तन्यम् १६९ ४ वृद्धिच्छे तृविच्छे १७१ ७,८ । -चेतना -वेतना१९२ १२ -बैकलक्षि -बैकलक्षणलक्षि२०१ १६ -त्वान्नार्थ -त्वान्नानार्थ२१७ २ प्रति (ती) यतो प्रतियतो ३१७ १३ अज्ञानस्य अज्ञातस्य ३४७ ११ -पख्यानं -पसंख्यानं ३६६ २३ -तो दृष्टं -तोऽदृष्टं ४५६ २२ -णामपि ५१० २ सम्बन्धी सम्बन्धों ६९४ १० -ताहुरितै -ताद्वारितै Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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