Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP

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Page 4
________________ ग्रन्थ : प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा निर्मात्री साध्वी डॉ. दर्शनकलाश्री शोध निर्देशक : डॉ. सागरमल जैन प्रकाशक : श्री राजराजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट जयंतसेन म्यूजियम, मोहनखेड़ा (राजगढ़) धार, म.प्र. वीर सं. 2533 वि. सं. 2036 ई.सं. 2007 राजेन्द्र सं. 100 मूल्य : पठन एवं पाठन अक्षरांकन एवं मुद्रण : जयन्त कम्प्यूटर्स वर्धमान चौक, निम्बाहेड़ा (राज.) फोन : 01477-220185 मो. : 9829178078, 9414420287 प्राप्ति स्थान : श्री राजराजेन्द्र जैन तीर्थ दर्शन जयन्तसेन म्यूजियम मोहनखेड़ा तीर्थ, पो. राजगढ़ (धार) म.प्र. फोन : 07296-232320, 235320 श्री भेरूलाल निरजकुमार सुराणा 144, विन्ध्याचल नगर, महावीर बाग के सामने, एरोड्रम रोड़, इन्दौर (म.प्र.) मो. 09826032902 Jain Education Interational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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