Book Title: Prakarana Ratnakar Part 4 Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 2
________________ AD Daleleasinान्टळक ADMI MEINGMOK नाग ४ थो. जिनवचनामृतमहोदधिजन्य धुरंधर सुविहित गीतार्थज्ञ पूर्वाचार्य वचन तरंग बिंदुरूप या विविध विषयक प्रकरणाख्य ग्रंथोनो यत्किचित् संग्रह करीने ज्ञानवृद्ध्यर्थे उपावी प्रसिक करनार शा० नीमसिंद माणकनी वती शा० नाणजी माया घर नंबर २२४-२३१ शाक गल्ली, मांडवी, मुंबई. आवृत्ति त्रीजी. ___ शके १८३४ संवत् १९६८ अशाड शुदि २ सने १९१२. बा. रा. घाणेकरे "निर्णयसागर" मुपायंत्रमा प्रसिद्ध करनारने माटे गपी ने.Sil सर्व हक्क स्वाधीन. आ पुस्तक सने १८६७ ना २५ मा एक्ट प्रमाणे रजीस्टर्ड करावेलुं छे. Dunqueraenesosenwauaques Emericanान्ान्ाहकालान्नानान्काहान्छा K Yave Aveva_sexoeXboXBOX OXYDOWewezoeXOOX XBOXoexbexsexs XOXOOXorce OUVOJVOOOOOOOOOOXGOROBY 74700AGACHINTAMAN Y ATATASTOTASAGAR Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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