Book Title: Parshvanath Vidyapith Swarna Jayanti Granth
Author(s): Sagarmal Jain, Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 11
________________ ( VIII ) १६. हुकुचंद संगवे आचार्य कुन्दकुन्द की आत्मदृष्टि : एक चिन्तन १०२ - १०७ १७. डॉ. रमेशचन्द जैन गीता, उसका शांकरभाष्य और जैन दर्शन १०८ - ११६ १८. डॉ. वंशिष्ठ नारायण सिन्हा । जैन एवं काण्टीय दर्शनों की समन्वयवादी शैली ११७ -१२४ १९. डॉ. निजामुद्दीन जैनधर्म और इस्लाम में अहिंसा: तुलनात्मक दृष्टि १२५ - १३१ २०. डॉ. विजय कुमार जैन शिक्षा दर्शन में गुरु की अर्हताएँ १३२ -१३८ २१. प्रा. डॉ. एच. यू. पण्ड्या तप १३९- १४९ २२. जिनेन्द्र कुमार जैन णायकुमारचरिउ के दार्शनिक मतों की समीक्षा १५० - १५६ २३. कुमारी अरुणा आनन्द योग का अधिकारी : हरिभद्रीय योग के सन्दर्भ में १५७- १६४ २४. अनिल कुमार मेहता आख्यानकमणिकोश के २४वें अधिकार का मूल्यांकन १६५ - १७१ २५. डॉ. रत्नलाल जैन जैन-जैनेतर दर्शनों में अहिंसा १७२- १७४ २६. डॉ. रज्जनकुमार समाधिमरण जीवन से भागना नहीं १७५- १८० २७. प्रो. नन्दलाल जैन जैन शास्त्रों में आहार-विज्ञान १८१- १९४ २८. महोपाध्याय विनयसागर श्रमण : महावीर तीर्थ का प्रमुख स्तम्भ । १९५- २०२ २९. डॉ. देवी प्रसाद मिश्र जैन पुराणकालीन भारत में कृषि २०३- २०६ ३०. डॉ. अजय कुमार जैन वादिराजसूरि के जीवनवृत्त का पुनर्निरीक्षण २०७- २१३ ३१. डॉ. पी. सी. जैन साहित्यिक उन्नयन में भट्टारकों का अवदान २१४- २१८ ३२. डॉ. नरेन्द्र भानावत कविवर बनारसीदास और जीवनमूल्य २१९- २२५ ३३. डॉ. हरीन्द्रभूषण जैन जम्बूद्वीप और आधुनिक भौगोलिक मान्यताओं का तुलनात्मक विवेचन २२६- २३७ ३४. डॉ. हरिश्चन्द्र जैन आयुर्वेद साहित्य के जैन मनीषी २३८-२४४ ३५. डॉ. मधु अग्रवाल मारवाड़ चित्रशैली एवं जैन विज्ञप्ति पत्र २४५-२५० ३६. डॉ. आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव एलोरा की जैन सम्पदा २५१- २५२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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