Book Title: Parshvanath Vidyapith Swarna Jayanti Granth
Author(s): Sagarmal Jain, Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 10
________________ १. डॉ० के० आर० चन्द्र २. डॉ० दीनानाथ शर्मा ३. डॉ० जीतेन्द्र शाह ४. डॉ० सुदर्शन लाल जैन ५. डॉ० साध्वी प्रमोद कुमारी ६. सुदीप कुमार जैन ७. रूपेन्द्र कुमार पगारिया ८. पं० विश्वनाथ पाठक ९. डॉ० प्रेमसुमन जैन १०. कानजी भाई पटेल ११. डॉ. धर्मचन्द जैन १२. डॉ० कृपाशंकर व्यास १३. डॉ. लालचन्द जैन १४. डॉ. बच्छराज दूगड़ १५. डॉ. मुमुक्षु शांता जैन Jain Education International विषय सूची ( हिन्दी खण्ड ) आचारांग ( प्रथमश्रुतस्कन्ध ) के प्रामाणिक संस्करणों के कतिपय पाठों की समीक्षा एवं भाषाकीय दृष्टि से उन्हें सुधारने की अनिवार्यता इसिभासियाई के कुछ अध्ययनों का भाषाशास्त्रीय विश्लेषण नयचक्र में उद्धृत आगम पाठों की समीक्षा महाराष्ट्री प्राकृत में मूल 'य' वर्ण का अभाव जैनागमों और आगमिक व्याख्याओं में नारद जोइन्दुकृत अमृताशीति शतपदी प्रश्नोत्तर पद्धति में प्रतिपादित जैनाचार पउमचरियं के हिन्दी अनुवाद में कतिपय त्रुटियाँ कवि हरिराज कृत प्राकृत मलयसुंदरीचरियं अनुयोगद्वारसूत्र और वैदिक व्याख्यान पद्धति की तुलना जैन दर्शन में हेतु - लक्षण जैनधर्म में ईश्वरविषयक मान्यता का अनुचिन्तन चित्र - अद्वैतवाद का जैन दृष्टि से तार्किक विश्लेषण जैन दर्शन में मन लेश्या द्वारा व्यक्तित्व रूपान्तरण For Private & Personal Use Only १ - ९ १० - १४ - १८ १९ २४ २५ २६ - २७ - १३ ३१ - ४२ - ३० ४३ ४९ ५० ५७ ५८ - ५९ ६० - ६७ ६८ - ७४ - w an a ७५ ८७ - ९१ ८६ ९२ - १०१ www.jainelibrary.org

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