Book Title: Parmatma Darshan
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir छे, जे अभ्यासीओने माटे आशिर्वादरुप छे. बलके आत्माभीमुख लाई जनार छे. आखो ग्रंथ वांचनार पोतेज कबूल करशे के गुरुवर्य श्रीमद् बुद्धिसागरजीए आ पकारना प्रयासे करी जैनसमाज उपर महान उपकार कीधोछे. तेओनो आ रीते जैनकोम उपरज उपकार थाय छे, एम नहि पण तेओना ग्रंथोनी लेखन, अने काव्य शैली, एवी तो प्रेम उपजावनारी छे के सर्वे दर्शनवाळाओ तेओश्री रचीत ग्रंथो होंसथी वांचे छे एम अनुभव कही आपे छे. एटलुज नहि पण तेओश्रीनां भजनपदो तो तेओश्री ज्या ज्या विचर्या छे, त्या त्यां कोइपण रीतना तफावत विना हमेशना माटे गवातांज रहे छे. आथी अन्य दर्शनीओ पण जैनधर्मने जाणता अने प्रीति करता थया छे. आ शुं जनसमाज उपर जेवो तेवो उपकार छे ? . तेआश्री तरफना अंकुशना आधिने तेओश्री विषे हमारे जणावयु जोइए छे ते जणावी शकता नथी, पण समाज तो कबूल करती जोवाय छे के, भेदाभेद अने मारामारोनी कोइपण चर्चामां न उतरतां पोते अने अन्य जीवा पोताना आत्मानुं कल्याण कर रोते करी शके तेज मार्ग तरफ तेओश्रीनुं प्रयाण छे अने ते दिवसे दिवसे चढतुं अने वधतुं जाय छे. तेओश्रीना ग्रंथो संबंधी वधु विवेचनमा नथी उतरी शकता कारण तेओश्रीनु मानवू एम छे के दुनियां दर्पणरुपे वस्तुने वस्तुरुपे केम नहि जोइ शके ? (बेशक गुणानुं रागनी दृष्टि तेमा मुख्य भाग भजवे छे.) तेथी अमो तेवा प्रकारनी तजवीजमा न उतरतां तेओश्रीनी कृतिना ग्रंथो जेम पने तेम समाज आगळ सारा स्वरुपमा ( ओछी किंमते ) रजु करवा एज कर्त्तव्य समजी आगळ वधीए छीए अने गुरु कृपाथी मंडळ पोताना नामे १ वर्षमा ११ पुस्तको बहार पाडी शक्युं छे. ___ आ रीते मंडळ आगळ वधवामा जे फतेह पाम्युं छे तेमां गुरुश्री उपरांत मंडळने पुस्तको प्रगट करवाने द्रव्यनी मदद करनारा गृहस्थोनोपण हिस्सोछे.जे अमोजणाववा चुकी जqयोग्यधारतानथी. अगाऊना ग्रंथोना सहायकोना नामो तेते ग्रंथो साये मुंद्रित For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 432