Book Title: Pariksha Mukham
Author(s): Manikyanandisuri, Gajadharlal Jain, Surendrakumar
Publisher: Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Samstha

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Page 67
________________ ५८ । सनातनजैनग्रंथमालायां । येमन शंख शुक्ति प्रभृति । इहा लोकबाधित, केनना शंख शुक्तिर मन मनुष्य मस्तकेर अस्थिके केह पवित्र वलेना ॥१९॥ .. माता मे बंध्या पुरुषसंयोगेप्यगर्भवत्त्वात्पूसिद्धबंध्यावत् २० हिंदी मेरी मा वांझ है क्योंकि पुरुषके संयोग होने पर भी उसके गर्भ नहीं रहता जैसा प्रसिद्ध बंध्या स्त्रीके पुरुष के संयोग रहने पर भी गर्भ नहिं रहता । यह स्ववचनबाधित का उदाहरण है क्योंकि मेरी मां और वांझ ये बाधित वचन ... बंगला-आमार माता बंध्या, केनना पुरुषसंयोग हल्ले ओ ताहार गर्म हइतेछेना, येमन प्रसिद्ध बंध्या पुरुष संयोग हइलेआ गर्भवती हयना इहा स्ववचन वाधितेर उदाहरण । केनना ' आमार माता ' ओ ' वंध्या ' एइ दुइटी कथा परस्पर बाधित ॥ २० ॥ हेत्वाभासा असिद्धविरुद्धानेकांतिकाकिचित्कराः ॥२१॥ हिंदी हेत्वाभासके चार भेद हैं असिद्धहेत्वाभास विरुद्धहेत्वाभास अनेकांतिकहेत्वाभास और अकिंचित्कर हेत्वाभास॥२२॥ ___बंगला हेत्वाभास चारिप्रकार-आसिद्ध, विरुद्ध, अनैकांतिक ओ आकंचित्कर ॥ २१ ॥ स्वरूपासिद्धहेत्वाभास असत्सवानिश्चयोऽसिद्धः ॥ २२॥ हिंदी-जिसकी सत्ताका पक्षमें अभाव हो और निश्चय

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