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विधि कृदन्त
उवभोज्ज णे मुणेयव्व
भोगे जाने योग्य विधिकृ अनि 82 जानने योग्य विधिकृ अनि 78 समझा जाना विधिकृ
61, 74 चाहिये
वर्तमान कृदन्त
कुव्वं
वक
करता हुआ वकृ अनि देंत
देता हुआ पविसंत प्रवेश करता वकृ
हुआ मिलन्त मिलता हुआ वक विजुज्जमाण अलग होता वकृ
हुआ वेदयमाण भोगता हुआ वकृ अनि संसरमाण परिभ्रमण करता वकृ
हुआ सुणंत सुनता हुआ वक
पंचास्तिकाय (खण्ड-1) द्रव्य-अधिकार
(139)