Book Title: Panchastikay Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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उदाहरण
51115155 इंदसदवंदियाणं 555 ॥ 55 अंतातीदगुणाणं
।।।।।।।।।।।। 5 5 5 तिहअणहिदमधुरविसदवक्काणं। is 15 s 11155 णमो जिणाणं जिदभवाणं।।
55 51155 55 55 I SI S 55 जीवा पुग्गलकाया धम्माधम्मा तहेव आयासं। 55 । ।।।ऽ । ऽ ।।। ।।। 55 अस्थित्तम्हि य णियदा अणण्णमइया अणुमहंता।।
ऽ ऽ।। । । ।ऽ ।ऽऽ ऽऽ ।ऽ । ऽ॥। दव्वेण विणा ण गुणा गुणेहिं दव्वं विणा ण संभवदि। 5 ॥ 55 55 5।।55 ।।। 55 अव्वदिरित्तो भावो दव्वगुणाणं हवदि तम्हा।।
1155555 ववदेसा संठाणा ऽ ऽ।। ऽ ऽ ऽ ते तेसिमणण्णत्ते
ऽ ऽ ।ऽ । ऽ । ऽ ।। ऽ संखा विसया य होंति ते बहुगा। 555 51 sss अण्णत्ते चावि विज्जंते।।
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पंचास्तिकाय (खण्ड-1) द्रव्य-अधिकार
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