Book Title: Panchastikay Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 158
________________ 32 28, 92 1/ ऊपर 93 एवं किन्तु उड्ढे ऊपर की ओर उभयत्थ दोनों अवस्थाओं में उवरि एव पूर्वोक्त रीति से इस प्रकार किंचि कुछ कैसे कुदोचि(कुओइ) किसी से निश्चय ही वाक्यालंकार 11, 89 19 21, 54, 69 36,59 59, 63, 92 किध खलु 26, 39, 60 गाढ अत्यधिक और 21, 37, 42, 47, 48, 88, पादपूरक 23, 90, 47 तथा परन्तु फिर 3, 15, 18, 71 निश्चय ही पादपूरक पंचास्तिकाय (खण्ड-1) द्रव्य-अधिकार (151)

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