Book Title: Panchastikay Part 01 Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 162
________________ सम्म सयं 29,78,84 सया सव्वत्थ सव्वदो यथार्थ रूप से सम्यक् स्वयं सदैव सभी जगह/सभी पर्याय सब ओर से सर्वथा/पूर्ण रूप से बिल्कुल सहित किसी प्रकार से किसी एक प्रकार से भली-भाँति निश्चय ही सव्वहा सह 20 22, 39, 49, 52, 61 भी इसलिए क्योंकि निश्चय ही hon पंचास्तिकाय (खण्ड-1) द्रव्य-अधिकार (155)Page Navigation
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