Book Title: Panchastikay Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 153
________________ संसारि संसारी स निजी स-अंत अंत-सहित स-अवकास स्थान-सहित सग अपना आत्मीय निजी 59, 61, 62 अपना स्व स-णिव्वाण निर्वाण-सहित स-देहमेत्त अपनी देह मात्र स-प्पडिवक्ख प्रतिपक्ष-सहित समाण समान सयल सल्लक्खणय सत् लक्षणवाला स-विस्सरूव नाना स्वरूपों में विद्यमान सव्वण्हु सर्वज्ञ देव सस्सद शाश्वत युक्त सिद्ध 10, 29 37, 77 सहिद सिद्ध 20, 32, 35, 36, 92, 93 सुण्ण शून्य सुहुम सूक्ष्म 64, 76 (146) पंचास्तिकाय (खण्ड-1) द्रव्य-अधिकार

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