Book Title: Pallival Jain Jati ka Itihas
Author(s): Anilkumar Jain
Publisher: Pallival Itihas Prakashan Samiti

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Page 169
________________ स्वतन्त्रता आन्दोलन में पल्लीवाल जाति का योगदान 139 आपने अलवर में आकर व्यापार किया व प्रजा मंडल की गतिविधियो में भाग लिया । आप भी सन् 1946 में गैर जुम्मेदार मिनिस्टरो कुर्सी छोडो' आन्दोलन मे अलवर में जेल गये थे। जिला-पागरा बाबू उत्तम चन्द वकील आप आगरा के निकट बरारा नामक ग्राम के रहने वाले थे। 1936 से आप राष्ट्रीय क्षेत्र में अधिक प्रकाश मे माये और जिला काग्रेस कमेटी के सदस्य और मडल काग्रेस कमेटी के पदाधिकारी बराबर रहे । आपन अपने किसानो को सगठित किया । सन् 1940 के आन्दोलन मे आप नजरबन्द कर लिए गये और लगभग एक साल जेल मे रहना पडा। सन् 1942 के आन्दोलन मे आप 9 अगस्त को ही गिरफ्तार कर लिए गये और मई 1944 को छोडे गये । कुछ समय पूर्व प्रापका स्वर्गवास हो गया। बाबू नेमीचन्द जैन आप जोतराज वसैया (आगरा) के रहने वाले थे। आप सन् 1930 से राष्ट्रीय क्षेत्र में कार्य करते रहे। इस आन्दोलन मे एक साल की सजा हुई थी। आप मडल काग्रेस कमेटी के प्रमुख कार्यकर्ता रहे। सन् 1940 मे आप नजरबन्द कर लिए गये । सन् 1942 मे आप पर यह जुर्म लगाया गया कि कागारोल का डाक बगला जलाया गया था तथा पुन नजरबन्द कर लिए गये। श्रो पीतम चन्द जन - आप रायभा ग्राम के रहने वाले थे। पापको टलीफोन के तार काटने के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया और कई माह तक तगरवन्द रखा गया । श्री श्यामलाल जैन आप भी रायभा के रहने वाले थे तथा आप भी श्री पीतम

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