Book Title: Pallival Jain Jati ka Itihas
Author(s): Anilkumar Jain
Publisher: Pallival Itihas Prakashan Samiti

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Page 181
________________ 'पल्लीवाल शब्द • एक दृष्टि' 151 दीवान बना । सालिम सिंह का समय जैसलमेर के इतिहास का सबसे बुरा समय माना जाता है । उसके अत्याचारो के कारण प्राज भी जैसलमेर निवासी उसे जालिमसिंह कहते हैं । जैसलमेर के किले के पूर्वी ढलान पर सालिम सिंह की भव्य हवेली उसके अत्याचारो को प्रतीक मानी जाती है । एडम्स ने अपनी पुस्तक 'द वेस्टर्न राजपूताना स्टेट्स' मे इस हवेलो के विषय मे लिखा है । 'बदनाम सालिम सिह के घर की नक्काशी भव्य है जिसमे कि लगभग एक सौ साल पहले अपने अत्याचारो से इस देश को उजाड दिया था।'' कर्नल टॉड ने लिखा है कि सालिम सिह ने न जाने कितने लोगो की हत्या की। कहा जाता है कि उसने समृदिशाली परिवारो को नष्ट कर बीस माल में लगभग दो करोड रुपया एकत्र किया। जैसा कि स्पष्ट है वे समृध्दिशाली परिवार पालीवाल ब्राह्मणो के ही थे। जिस तरह का व्यवहार सालिम सिंह ने पालीवालो के साथ किया उससे उसको ईर्ष्या साफ झलकती है। येन केन प्रकारेण उनको सपत्ति हथियाना उसका प्रमुख लक्ष बन गया था । उसने न केवल मन चाहे कर थोपे बल्कि इन गॉवो को जब जी चाहा तब लूटा । गमिह को राजगद्दी पर बैठाने का सफल षड्यन्त्र रचने के बाद उसके अत्याचारो की सीमा न रही । गजसिह के सत्तारूढ होने के दो साल मे उसने दड नामक कर के माध्यम से चौदह लाख रुपये वसूले । जव पालीवालो ने इस कर का विरोध किया तब उसने उनकी जि दगी हराम कर दी । हर रोज लूटमार और लडकियो के साथ दुर्व्यवहार का सिलसिला शुरू हो गया। बात इतनी बढ़ गयी कि ब्रिटिश एजेंट ने 17 दिसबर सन् 1821 को अपनी सरकार को यह लिखा कि जैसलमेर निवासियो को यह लग रहा है कि ब्रिटिश सरकार के साथ की गई सन् 1818 की सधि दीवान को

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