Book Title: Pallival Jain Jati ka Itihas
Author(s): Anilkumar Jain
Publisher: Pallival Itihas Prakashan Samiti

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Page 168
________________ 138 पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास ख्याति पाई व सन् 1974 मे आपने 319K, 300 ग्राम नाजायज अफीम पकड कर सारे विश्व का रिकार्ड तोडा जो रिकार्ड प्राज तक कायम है। 1981 मे राज्य सेवा से मुक्त होकर आप आजकल सामाजिक सेवा, धार्मिक कार्यों व प्राध्यात्मिक उन्नति मे लगे है । श्री भागचन्द्र जैन स्वतन्त्रता सेनानी आप ग्राम मलावकी तहसील लक्ष्मणगढ (अलवर) के रहने वाले थे । अलवर मे विद्यार्थी जीवन मे ही महाबीर प्रसाद जी के सम्पर्क में आने के बाद क्रान्तिकारी गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया । सन् 1942 मे स्वतन्त्रता आन्दोलन ' भारत छोडो' में रेल के तार काटे व पोस्ट प्रॉफिस मे आग लगाई जिसके फलस्वरूप षडयन्त्र केस मे मुलजिम रहे । किन्तु पुलिस इनको गिरफ्तार नही कर सकी और ये भूमिगत रह कर कार्य करते रहे । भारत स्वतन्त्र होने के बाद राजस्थान विधान सभा काग्रेस पार्टी के काफी समय तक सचिव रहे। बाद में आपने अलवर मे ही वकालत शुरू कर दी । कुछ वर्ष पूर्व ग्रापका स्वर्गवास हो गया । श्रीमति कमला जन-स्वतन्त्रता सेनानी श्रीमति कमला पुत्रो किशोरीलाल जैन मलावली ग्राम तहसील लक्ष्मणगढ (अलवर) की रहने वाली थी । आपके पति का छोटी आयु में ही देहान्त हो गया था । उसके बाद देश की सेवा में कार्य किया । सन् 1946 मे अलवर राज्य प्रजामंडल के प्रान्दोलन " गैर जिम्मेदार मिनिस्टरो कुर्सी छोडो" मे आपको भी अन्य महिलाओ के साथ पुलिस ने पकड कर जगलो मे छोड दिया । स्वतन्त्र भारत में आपने राज्य सेवा की और अन्त मे आप विकास अधिकारी के पद से राज्य सेवा से मुक्त हुई । राज्य सरकार ने आपको भी स्वतन्त्रता सैनानी घोषित किया है । श्री पन्नालाल जैन आपका बचपन ब्यावर जिला अजमेर में व्यतीत हुआ ।

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