Book Title: Pallival Jain Jati ka Itihas
Author(s): Anilkumar Jain
Publisher: Pallival Itihas Prakashan Samiti

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Page 171
________________ स्वतन्त्रता आन्दोलन में पल्लीबाल जाति का योगदान बाबू हुकुम चन्द जैन आप फिरोजाबाद के रहने वाले हैं । आपने सन् 1942 आन्दोलन में बहुत काम किया, लेकिन जेल नही गये । बाबू गोर्धनदास जैन 141 आप सन् 1930 के आन्दोलन में जैन सेवा मण्डल के उपमन्त्री थे । मण्डल ने यह निश्चय किया कि मन्दिरो में खादी के वस्त्र पहनकर लोग दर्शन करने जावे तथा खादी के वस्त्र ही वहाँ स्तेमाल हो । आपने इस कार्य के लिए सत्याग्रह तक भी किया । सन् 1940 के प्रान्दोलन मे भी आपने काफी भाग लिया था । सन् 1942 के आन्दोलन में पुलिस ने आपको इस अभियोग में कि आप गुप्त रीति से प्रान्दोलन का सचालन करते है तथा 'आजाद हिन्दुस्तान' का प्रकाशन और सपादन करते हैं, गिरफ्तार कर लिया । डेढ साल तक नजरबन्द रखा गया । प्राप वार्ड तथा जिला काग्रेस कमेटी के सदस्य एव पदाधिकारी रहे हैं । बाबू किशनलाल - सन् 1930 के आन्दोलन मे आपको कारावास हुआ । हार्डी बम केस के आप भी अभियुक्त रहे । आप सन् 1940 के आन्दोलन मे नजरबन्द किये गये, फिर सन् 1942 मे प्रापको 9 अगस्त से पूर्व ही क्रान्तिकारी होने के कारण पुलिस ने नजरबन्द कर दिया था। लगभग 2 साल बाद श्राप को छोडा । बाबू चिम्मनलाल -' आपको सन् 1942 के प्रान्दोलन में ध्वंसात्मक कार्य करने के अपराध में गिरफ्तार किया गया था। जब केस सावित नही हो सका तो नजरबन्द कर दिया गया आपको सरकार ने क्रान्तिकारी ना था। प्राप वार्ड काग्रेस कमेटी के उत्साही कार्यकर्ता

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