Book Title: Oswal Porwal Aur Shreemal Jatiyo Ka Sachitra Prachin Itihas
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyanpushpamala

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Page 2
________________ वक्तव्य. हालमें " जैन जाति महोदय" नामक ऐतिहासिक पुस्तक छपवाई जा रही है जिसके २५ प्रकरणों के अंदरसे यह तीसरा प्रकरण आपके करकमलोंमें उपस्थित है। इस प्रकरण के अंदर जैन महाजन संघ और उनकी शाखाँए ओसवाल-पोरवाड और श्रीमाल जातियोंका प्राचीन और प्रमाणिक इतिहास बडी ही शोधखोलके साथ संग्रह किया गया है । साधारण जनताके विशेष लाभार्थ इस प्रकरणकी १००० कोपी अलग बंधवाई गई है । अपनी जातिकी महत्वता और प्राचीनता जानने के लिए प्रत्येक जैन भाईयों को एक कोपी अपने पास अवश्य रखना चाहिए. अगर कोई सज्जन अपने भाइओं को प्रभावना देनी चाहे वह ऐसी ऐतिहासिक किताबों की प्रभावना दे कि जिनसे अपने पूर्वजोंका गौरव, आचार, विचार, श्रापस का प्रेम, ऐक्यता, संगठनादि उच्च आदर्श का समाज में संचार हो सकें. प्रुफ संशोधन आदि कारण कोई स्खलना रह गई हो तो पाठकगण क्षमा करें. इति । प्रकाशक. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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