Book Title: Nar Vikram Charitram
Author(s): Shubhankarvijay
Publisher: Ajitkumar Nandlal Zaveri

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Page 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir नमोत्थु णं समणस्स भगवओ सिरिमहावीरस्म नमो परमपूजसिरिनेमि-विष्णाण-कत्थूरसूरि-पन्नासजस भद्दगुरुवराणं आराहिजपायसिरिगुणचन्दसूरिइयं PECACICICIACECTRICA ॥ सिरिनरविक्कमचरियं ॥ अस्थि सयलवसुंधरारमणीरयणकन्नपूरोवमा वेसमणरायहाणिविब्भमा छत्ता नाम नयरी, तत्थ धम्मराओ नयमग्गपवत्तणेण कयंतो कोवेण अज्जुण्णो कित्तीए बलभद्दो भुयबलेण मयलंछणो सोमयाए दिणयरो पयावेण पवणो सरीरसामत्थेण नत्वा कल्याणपार्श्वेशं, नरविक्रमभूपतेः । चरित्रं प्राकृते दृब्ध,-मनुबझिम शुभकरः ॥ १ ॥ अस्ति सकलवसुन्धरारमणीरत्नकर्णपूरोपमा वैश्रमणराजधानी विभ्रमा छत्रा नाम नगरी, तत्र धर्मराजो नयमार्गप्रवर्तनेन, कृतान्तः कोपेन, अर्जुनः कीर्त्या, बलभद्रो भुजबलेन, मृगलान्छनः सौम्यतया, दिनकरः प्रतापेन, पवनः शरीरसामध्येन, For Private and Personal Use Only

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