Book Title: Nalvilasnatakam
Author(s): Ramchandrasuri, Vijayendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 2
________________ . ( ..... .......................! श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला-ग्रन्थाङ्कः १२६ ॐ श्री महावीर जिनेन्द्राय नमः ॥ पू. आ. श्रीविजयामृतसूरिभ्यो नमः ।। कविकटारमल्ल-पूज्याचार्यदेव ... श्री रामचन्द्रसूरीश्वर-विरचितं नलविलासनाटकम् OBOOSESSOOO""" सम्पादकः संशोधकश्च तपोमूर्ति-पूज्याचार्यदेव श्रीविजयकर्पूरसूरीश्वर-पट्टधरहालारदेशोद्धारक-पूज्याचार्यदेव श्री विजयामृतसूरीश्वर __ पट्टधरः पूज्याचार्यश्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरः ................................................................." वर्द्धमानपुर (वढवाणशहेर) निवासी शाह लाडकचन्द जीवराज-राजकोट निवासी वसा सौभाग्यचन्द तलकचन्द इत्येतयोः सहाय्येन प्रकाशितोऽयं ग्रन्थः प्रकाशिकाश्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला लाखाबावल-शांतिपुरी (सौराष्ट्र) श्री वामाचार मना दिल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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