Book Title: Nalvilasnatakam
Author(s): Ramchandrasuri, Vijayendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 1
________________ 06:00 श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला- ग्रन्थाङ्कः १२६ 5 श्री महावीर जिनेन्द्राय नमः ।। पू. आ. श्रीविजयामृतसूरिभ्यो नमः ।। कविकटारमल्ल - पूज्याचार्यदेव श्री रामचन्द्रसूरीश्वर - विरचितं नलविलासनाटकम jood or सम्पादक: संशोधक श्व तपोमूर्ति-पूज्याचार्यदेव श्रीविजयकर्पू रसूरीश्वर पट्टधरहालारदेशोद्धारक - पूज्याचार्यदेव श्री विजयामृतसूरीश्वरपट्टधरः पूज्याचार्यश्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरः 5 वर्द्धमानपुर (वढवाणशहेर) निवासी शाह लाडकचन्द जीवराज-राजकोट निवासी वसा सौभाग्यचन्द तलकचन्द इत्येतयोः सहाय्येन प्रकाशितोऽयं ग्रन्थः Jain Education International 5 प्रकाशिका - श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला लाखाबावल - शांतिपुरी (सौराष्ट्र ) **** For Private & Personal Use Only. छ *** www.jainelibrary.org.

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