Book Title: Nabhak Raj Charitram Prat
Author(s): Merutungasuri
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ चरित्र // 54 // साधर्मिक बंधुओने यथायोग्य उचित मोजन-पानथी सत्कार करता एक मासमां दसछठनी तपश्चर्या पाणी विना करी / 222-223-224 // नाभाक 8 दिने त्रिंशत्तमे ब्राह्म-मुहत्तें तेन वीक्षिताः। चतस्रः पदिकामात्रा, मार्जार्यः कर्बुराः पुरा // 225 // अर्थ-ते राजाए त्रीशमे दिवसे ब्राह्म मुहूर्तमां पोतानी आगळ पगला मात्र प्रमाणवाळी चार काबरा वर्णनी बिलाडि जोइ / / 225 // // 54 // है ब्रह्मादिहत्या एतास्ताः, क्षीयन्ते तपसो बलात् / अनुमीयेति स प्राग्वद्, विदधेऽथाष्टमाष्टकम् // 226 // अर्थ- में पूर्वे भानुना भवमां करेली ब्राह्मण विगेरे हत्याओ तपस्याना प्रभावथी क्षीण थती जाय छे" ए प्रमाणे पूर्वनी जेम अनुमान करी आठ अहम कर्या / / 226 // है तदन्ते कालमात्रास्ता, वीक्षिता धूसराः पुनः। मत्वा तथैव ताः प्राग्व-च्चकार दशमानि षट् // 227 // अर्थ-आठ अट्ठमने छेडे ब्राह्म मुहर्तमां कोयलना परिमाणवाळी धूसर वर्णनी चार बिलाडी जोइ, त्यारे पण पूर्वनी जेम 'ब्रह्महत्यादि हत्याओ क्षीण थती जायछे' ए प्रमाणे मानी नाभाकराजाए छ चारेउपवास कर्या // 227 // - तत्प्रान्ते मषिकामात्रा, दृष्टास्ता धवलाः पुनः। ततो विशेषतो हृष्ट-श्चके द्वादशपञ्चकम् // 228 // IN अर्थ-छ चारउपवासनी तपश्चर्याने छेडे उंदरना प्रमाण जेटली चार धोळी बिलाडी जोइ, तेथी विशेष हर्षित थयेला नाभाकराजाए पांच पांच उपवास कर्या / / 228 // / ईषन्निद्रान्तरेकोन-त्रिंशत्तमदिने ततः / नमस्कारान स्मरन्नेव, स्वप्नमेवमलोकत // 229 // ESGESCHICASSO 24TAX Gunratnasun M.S. Jun Gun Aaradhak

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