Book Title: Mulachar ka Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 578
________________ सहायक-ग्रन्थ-सूची : ५२७ आचार्य धर्मसागर अभिवन्दन ग्रन्थ-सं० धर्मचन्द्र शास्त्री, श्री दि० जैन नवयुवक मण्डल, कलकत्ता, १९८१. आचार्य भिक्षु स्मृति ग्रन्थ-जैन श्वे० ते० महासभा, कलकत्ता, १९६२. आचारसार-वीरनन्दि सिद्धान्त चक्रवर्ती, माणिकचन्द्र दि० जैन ग्रन्थमाला बम्बई वि० सं० १९७४. आचारांग चूर्णि-जिनदास गणि, ऋषभदास केशरीमल संस्था, रतलाम, १९४१. आचारांग सूत्र-व्या० आत्मारामजी, आत्माराम जैन प्र० समिति, लुधियाना, १९६३. आचारांग टीका-शीलांकाचार्य, सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक समिति, सूरत, १९३५. आचारांग-हिन्दी छायानुवाद, सं० गोपालदास जीवाभाई पटेल, श्वे० स्था० __ जैन कान्फ्रेन्स, बम्बई, १९३८. आत्मानुशासन-आ० गुणभद्र, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, वि० सं० २०१८. आदिपुराण-जिनसेनाचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी १९६३. आप्तपरीक्षा (सटीक)-आचार्य विद्यानन्द, सं०-५० दरबारी लाल कोठिया, वीर सेवा मन्दिर, सरसावा, १९४९. आप्तमीमांसा (देवागम)-समन्तभद्राचार्य, अनु० पं० जुगलकिशोर मुख्तार, वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट, दिल्ली, १९६७. आप्तमीमांसा तत्त्वदीपिका-अनु० प्रो० उदयचन्द जैन, गणेश वर्णी दि० जैन संस्थान, वाराणसी, वी० नि० सं० २५०१. आयारो-वाचना-प्रमुख आचार्य तुलसी, जैन विश्वभारती,लाडन, १९७४. आयारो तह आयारचूला , जैन श्वे० तेरापंथी महासभा, कलकत्ता १९६७. आराधनासार-देवसेनाचार्य, सं० टी०-रत्नकीर्तिदेव, जैनधर्मशाला, प्रयाग, १९६७. आराधनासार-वीरभद्र महर्षि, श्रीविजयसिद्धिसूरि ग्रन्थमाला, बीलीमोरा (गुज रात) वी० सं० २४६७. आवश्यकचूणि--(भाग १-२) जिनदासगणि, ऋषभदेव केशरीमल संस्था, __रतलाम, १९२८. आवश्यक नियुक्ति-आ० भद्रबाहु, मलयगिरिवृत्ति सहित, आगमोदय समिति, बम्बई १९२८. आवश्यकनियुक्ति-हारिभद्रीयवृत्ति, आवश्यक नियुक्ति दीपिका-(१-२ विभाग) नियुक्तियुत, भाष्यकलित श्रीविजयदान सरीश्वर जैन ग्रन्थमाला, १९३९, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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