Book Title: Mulachar ka Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 592
________________ सहायक-ग्रन्थ-सूची : ५४१ षट् प्राभृत-श्रुतसागरीय वृत्ति सहित-अनु०-५० पन्नालाल जैन, शान्तिवीर दि० जैन संस्थान, श्रीमहावीरजी १९६८. सम्मइ सुत्तं-आ० सिद्धसेन, सं० अनु०-डॉ० देवेन्द्र कुमार शास्त्री, ज्ञानोदय ___ ग्रंथमाला, नीमच १९७८. सन्मतिप्रकरण-सिद्धसेन दिवाकरः सं० पं० सुखलाल संघवी, ज्ञानोदय ट्रस्ट, अहमदाबाद, १९६३. सन्यासोपनिषद्-(१०८ उपनिषद् ) सं० पं० श्रीराम शर्मा आचार्य, संस्कृति संस्थान बरेली १९८२-८३. संयम प्रकाश-आचार्य सूर्यसागर जी, सम्पा० पं० श्रीप्रकाश शास्त्री एवं पं० भंवरलाल न्यायतीर्थ, प्रका०-आ० सूर्यसागर दि० जैन ग्रंथमाला समिति, मनिहारों का रास्ता जयपुर, वी० नि० सं० २४७०. संयुक्तनिकाय-महाबोधि सभा, सारनाथ, १९५४. सद्धर्ममण्डनम्-मुनि जवाहरलाल, तनसुखदास फूसराज दुगड, सरदारशहर, २४५८. समणसुत्तं-सर्वसेवा संघ प्रकाशन, राजघाट, वाराणसी, १९७५. समयसार-आ० कुन्दकुन्द, आत्मख्याति टीका सहित, अहिंसा मन्दिर प्रकाशन, दिल्ली, १९५८. समयसार---अनु० पं० परमेष्ठीदास, दि० जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, सोनगढ़, वी० नि० सं० २५०१. समयसार-अनु० सहजानन्द वर्णी, सहजानन्द ग्रन्थमाला, मेरठ १९७७. समयसार--संपा० बलभद्र जैन, कुन्दकुन्द भारती, दिल्ली १९७८. समवाओ -वाचना आचार्यश्री तुलसी, जैन विश्वभारती लाडनू, १९८६. समवायांगसूत्र-अभयदेवसूरिवृत्ति, सेठ माणेखलाल चुन्नीलाल, अहमदाबाद, १९३८. समाधितंत्र-आ० पूज्यपाद, वीरसेवा मन्दिर, सरसावा, १९३९ समीचीन धर्मशास्त्र-समन्तभद्राचार्य, वीरसेवा मन्दिर, दिल्ली, १९५५. सर्वार्थसिद्धि-आ० पूज्यपाद, अनु० पं० फूलचन्द शास्त्री, भा० ज्ञानपीठ काशी, १९५५. सागार धर्मामृत-पं० आशाघर, सं० एवं अनु०-५० कैलाशचन्द शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली १९७८. साउथ इण्डियन इन्स्क्रिप्शन्स-जिल्द ७. सामायिक प्रतिक्रमण- रहस्य-पं० सुखलालजी संघवी, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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