Book Title: Mulachar ka Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 590
________________ सहायक-ग्रन्थ सूची : ५३९ योगशास्त्र-हेमचन्द्राचार्य, ऋषभचन्द जोहरी, किशनलाल जैन, दिल्ली, . १९६३. योगसार-(परसात्मप्रकाश के अन्तर्गत) योगीन्दुदेव, सं०-डॉ० ए० एन० उपाध्ये, प्रका०-परमश्रुत प्रभावक मण्डल, २०१७. रत्नकरण्ड श्रावकाचार-आचार्य समन्तभद्र, मा० दि० जैन ग्रंथमाला, बम्बई वि० सं० १९८२. रत्नकरण्ड श्रावकाचार-(प्रभाचन्द्राचार्य टीका सहित) अनु०-५० पन्नालाल जैन, वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट वाराणसी, १९७२. रयणसार-आ० कुन्दकुन्द, संपा० डा० देवेन्द्रकुमार शास्त्री, वीर निर्वाण ग्रन्थ प्रकाशन समिति, इन्दौर, वी० नि० सं० २५००। . रयणसार-सं० ५० बलभद्र जैन, प्र० मैनादेवी जैन, जयपुर, १९७९. रियल्स इन द जैन मेटाफिजिक्स-एच० एस. भट्टाचार्य, सेठ शांतिदास खेतसी चैरिटेवल ट्रस्ट, बम्बई १९६६, लब्धिसार-जैन सिद्धान्त प्रकाशन, कलकत्ता । लाटी संहिता-राजमल्ल कवि, मा० दि० जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, वि० सं० १९८४. लिंगपाहुड-मा० दि० जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, वि० सं० १९७७ लोकप्रकाश-सं० पं० हीरालाल हंसराज, जैन भास्करोदय प्रेस, जामनगर. वरांगचरित-जटासिंहनन्दि, मा० दि० जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, वी० सं० २४७६. वसुनन्दि श्रावकाचार-सं०-५० हीरालाल शास्त्री, भा० ज्ञान० काशी, १९५२. विनयपिटक-अनु०-राहुल सांकृत्यायन, महाबोधि सभा, सारनाथ, १९३५. विपाकसूत्र-जैनशास्त्रमाला कार्यालय, लुधियाना, वि० सं० २०१०, विशुद्धिमग्ग-आ० बुद्धघोष, महाबोधि सभा, सारनाथ, १९५६. वैराग्यशतक-(भर्तृहरिशतकत्रयम्) भारतीय विद्या भवन, बम्बई, १९४६. विशेषावश्यकभाष्य-सं०-डॉ० नथमल टाटिया, प्राकृत शोधसंस्थान. वैशाली, १९७२. विशेषावश्यकभाष्य-स्वोपज्ञवृत्ति, सं०-५० दलसुखभाई मालवणिया, प्रका० लालभाई दलपतभाई, भारतीय संस्कृति विद्या मंदिर, अहमदावाद. विशेषावश्यक भाष्य सटीक-कोट्याचार्यवृत्ति, ऋ० के० जैन श्वे० संस्था रतलाम, १९३६-३७. विष्णुपुराण-अनुवाद-मुनिलाल गुप्ता, गीताप्रेस, गोरखपुर, वि० सं० २०२४. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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