Book Title: Mulachar ka Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 593
________________ ५४२ : मूलाचार का समीक्षात्मक अध्ययन सूत्रकृतांग-प्रका०-अ० भा० श्वे० स्था० जैन शास्त्रोद्धार, समिति, राजकोट, सूर्यप्रज्ञप्ति-मलयगिरिवृत्ति, आगमोदय समिति, बम्बई, १९१९. सूयगडो-भाग १, सं० युवाचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्व भारती लाडनू, १९८४ स्टेडीज इन जैन फिलासफी-डॉ० नथमल टाटिया, जैन कल्चरल रिसर्च सोसा यटी, बनारस १९५१. स्टेडीज इन जैनिज्म-~-मुनि जिनविजय, जैन साहित्य संशोधक स्टेडीज, अहमदा बाद, १९५१. स्थानांग (ठाणांग) सूत्र--व्या० अमोलक ऋषि, है० सि० जनसंघ, २४४६ । स्थानांग-समवायांग-गुजराती अनु० पं० दलसुखभाई मालवणिया, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद, १९५५. स्थानांग वृत्ति-प्रका०-सेठ मणिकचन्द चुन्नीलाल अहमदावाद, सं० १९९४. स्थानांगसूत्र-अभयदेव सूरिवृत्ति, आगमोदय समिति, सूरत, १९२०. स्थानांगसूत्र-सं० मुनि कन्हैयालाल कमल, आगम अनुयोग प्रकाशन, सारेराव, १९७२. स्याद्वादमञ्जरी-मल्लिषेण, सं० डॉ० जगदीशचन्द्र जैन, परमश्रुत प्रभावक मंडल अगास, १९७०, तृतीय आवृत्ति । हजारीमल (मुनि श्री) स्मृति ग्रंथ-मुनि हजारीमल स्मृति ग्रन्थ प्रकाशन समिति, व्यावर, १९६५. हरिवंश पुराण-जिनसेनाचार्य, अनु० पं० पन्नालाल साहित्याचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९६२. हिस्ट्री आफ जैन मोनासिज्म-सान्ताराम, बालचन्द देव, डकन कालेज, पी• नो. एण्ड रिसर्च इंस्टिट्यूट, पूना, १९५६. पत्र-पत्रिकाएँ : अनेकान्त-वीरसेवा मन्दिर, सरसावा, वर्ष २ किरण १-१२, वर्ष १२-१३ । अनेकान्त में प्रकाशित लेख, जिनसे विशेष सहायता ली गई १. अनेकान्त वर्ष २, किरण ३ २. ,, ,, २, किरण ५ ३. , ,, १२, किरण ११ ४. , ,, १२, किरण १२, मई १९५४. अमरभारती-सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा। जिनवाणी-सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडल, जयपुर । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 591 592 593 594 595 596