Book Title: Mulachar ka Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 580
________________ सहायक-ग्रन्थ-सूची : ५२९ कल्पसमर्थनम्-पूर्वतनाचार्य, ऋषभदेव केशरीमल संस्था रतलाम, वी० सं० २४६४. कल्पसूत्र-प्रका० साराभाई मणिलाल नबाब, अहमदाबाद, १९४१. कल्पसूत्र-कल्पलता व्याख्या-प्रका०-वेलजी शिवजी कम्पनी, दाणाबन्दर, बम्बई, १९१८. कल्पसूत्र टीका-पूज्य घासीलाल जी महाराज कृत कल्पमंजरी टीका, प्रका०-१० भा० श्वे स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, १९५८ कषाय पाहुड : जयधवला टीका सहित-प्रका० भा० दि० जैन संघ ग्रन्थमाला, मथुरा, १९४४. कसाय-पाहुडसुत्त-भ० गुणधराचार्य, वीरशासन संघ, कलकत्ता, १९५५. कार्तिकेयानुप्रेक्षा-प्रका०-श्रीमद् राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, अगास, वी० सं० २४८६. कातिकेयानुप्रेक्षा-अनु० पं० महेन्द्रकुमार पाटनी, वीतराग विज्ञान प्रकाशिनी, ग्रन्थमाला, खण्डवा १९७४. कुन्दकुन्द प्राभृतसंग्रह-सं० पं० कैलाशचन्द शास्त्री, जीवराज जैन ग्रन्थमाला, सोलापुर, १९६०. कुन्दकुन्द भारती-सं०-५० पन्नालाल सा. आचार्य, श्रुतभण्डार व ग्रंथ प्रकाशन ___ समिति, फलटन, १९७०. कौटिलीय अर्थशास्त्रम् -रामतेज शास्त्री, काशी, सं० २०००.। , गच्छाचार पयन्ना-पूर्वाचार्य, श्री भूपेन्द्रसूरि जैन सा० समिति आहौंर, गणेशप्रसाद वर्णी स्मृति ग्रन्थ-सं०-५० पन्नालाल साहित्याचार्य, अ०भा० दि० जैन विद्वत्' परिषद्, सागर, १९७४. गुरु गोपालदास वरैया स्मृति ग्रन्थ-अ० भा० दि० जैन विद्वत् परिषद्, सागर, १९६७. गोम्मटसार कर्मकाण्ड-पं० मनोहरलाल कृत वृत्ति-परमश्रुत प्रभावक मंडल, बम्बई, १९१३. गोम्मटसार (जीवकाण्ड) अनु०-५० खूबचन्द जैन, परमश्रु त प्रभावक मण्डल, अगास १९५९. गोम्मटसार--(जीवकाण्ड)-भा० जैन सि० प्रकाशनी संस्था, कलकत्ता. गोम्मटसार-जीवकाण्ड-कर्मकाण्ड, (चार भागों में) जीवतत्त्वप्रदीपिका टीका सं०-६० कैलाशचन्द्र शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, १९७९. सप Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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