Book Title: Mulachar ka Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 587
________________ ५३६ : मूलाचार का समीक्षात्मक अध्ययन प्रमेयकमल मार्तण्ड - भाग १, अनु० - आर्यिका जिनमती, चेरीटेबल ट्रस्ट, दिल्ली, २५०४. लाला मुसद्दीलाल प्रवचन निर्देशिका -- आर्यिका ज्ञानमती, दि० जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर, १९७७. प्रवचनसार - तत्त्वप्रदीपिका टीका सहित सं० डॉ० ए० एन० उपाध्ये, श्रीमद्राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला अगास, १९६४. प्रवचनसार -- अनु० आचार्य श्री ज्ञानसागर जी प्रका० - महावीर प्रसाद सांगाका पाटनी, किशनगढ रैनवाल १९७१. प्रवचनसार - हिन्दी अनु० पं० परमेष्ठीदास, प्रका० वीतराग सत्साहित्य प्रसारक ट्रस्ट, भावनगर, चतुर्थावृत्ति वि० सं० २०३५. प्रवचनसार - टीका श्री अमृतचन्द्राचार्यं कृत एवं जयसेनाचार्य कृत वृति, सं० अनु० – अजितकुमार शास्त्री एवं पं० रतनचन्द्र जी मुख्तार प्रका० ० - शान्तिवीरनगर दि० जैन संस्थान, श्रीमहावीरजी ( राजस्थान), वीर नि० सं० २४९५. प्रश्नव्याकरण - आगमोदय समिति, बम्बई, १९१९. प्रशमरति प्रकरण -- उमास्वाति, परमश्रुत प्रभावक मंडल, बम्बई, १९५०. प्राकृत साहित्य का इतिहास - डॉ० जगदीशचन्द्र जैन, चौखम्बा विद्याभवन वाराणसी, १९६१. प्रायश्चित्त संग्रह - सं० - पं० पन्नालाल सोनी, माणिकचन्द्र दि० जैन ग्रंथमाला, बम्बई, २४४७. प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास- डॉ० नेमिचन्द्र शास्त्री, तारा पब्लिकेशंस वाराणसी, १९६६. बाबू छोटेलाल जैन स्मृति ग्रन्थ - कलकत्ता १९६७. बुद्ध और बौद्ध धर्म-आ० चतुरसेन शास्त्री, बुद्धचरित -- धर्मानन्द कौसाम्बी, नवजीवन कार्यालय, अहमदाबाद, १९३७. बौधायन श्रौतसूत्र — चौखम्बा संस्कृत सीरिज, बनारस, १९३४. बृहत्कल्पसूत्र - व्यॉ० अमोलक ऋषि, है० सि० जैन संघ, वी० सं० १९४६. बौद्धधर्म के पच्चीस सौ वर्ष - ( आजकल का वार्षिक अंक ) पब्लिकेशन्स डिवीजन ओल्ड सेक्रेटरिएट, दिल्ली, १९६०. बौद्धधर्म-दर्शन- ----आ० नरन्द्रदेव, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, १९५६. बृहदारण्यक - गीता प्रेस गोरखपुर . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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