Book Title: Mahopadhyaya Yashovijayji Ganikrut Atmasamvad
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan

View full book text
Previous | Next

Page 2
________________ अनुसंधान-२० 31 ज रहेतो होय तेवू तो वारंवार छे. आनो अर्थ एटलो ज के ग्रंथकारना फलद्रूप दिमागमा युक्ति-तर्कोनो एक एवो तो भारे धसमसतो प्रवाह वहेतो हशे के तेने कागल पर अवतारवानी त्वरामां आवं झीणुं जोवानो अमने अवकाश ज नहि रह्यो होय; अने पछीथी सारी नकल करती वेळा आ बधुं समें करी लेवानो तेमनो ख्याल रह्यो हशे. शैलीनी वात लईए तो नव्यन्याय-आधारित युक्ति अने तर्कवादनी शैली यशोविजयजी महाराजे आत्मसात् करी छे, अने जैनेतर दरेक दर्शनना सिद्धांतो तथा मान्यताओ, तेमणे ते शैलीथी खंडन के प्रतिविधान कर्यु छे. सामो पक्ष जे पण तर्क के युक्ति पेश करे, तेना ताणावाणा छूटा पाडीने तेनी तमाम बाजुओ तपासवी, ते बधी बाजुओ केवी केवी रीते खोटी के अप्रमाण छे ते. देखाडी आपवू; पछी पोतानी युक्ति रजू करी, सामानी दृष्टिए तेना तमाम अंकोडा उघाडा पाडीने छेवटे तेनी यथार्थता साबित करी आपवी; आवी तलस्पर्शी के घेरुं ऊंडाण धरावती शैली, जेम अन्य रचनाओमां, तेम आमां पण जोई शकाय छे. नव्य न्यायनी परिभाषा अने पद्धतिथी रजूआत करनार मात्र यशोविजयजी ज थया छे तेमां तो बेमत नथी ज. जैन दर्शनना मतने रजू के स्थापित करती वेळा तेमना मनमां भगवतीसूत्र वगैरे आगमोना पाठ अने शब्द चोक्कसपणे होय छे, अने तेना तात्पर्यने सर्वप्रथम नवनवा अकाट्य तर्कोथी स्थापित करी आपीने छेक छेल्ले तेओ आगमनो पेलो पाठ एवी रोते मूके के आपणा मनमा ए पाठनो मर्म जळहळतो थई जाय, अने तेना प्रति तथा ते पाठ रचनार गणधर-श्रुतधरोना अगाध श्रुतज्ञान प्रति सहेजे दृढ आस्थाभाव वधी जाय. यशोविजयवाचकना ग्रंथो अने शैलीथी परिचित जनोने ते ज शैली आ अपूर्ण ग्रंथमां पण अवश्य जोवा मळशे. पछी तेओ पण आ रचना तेओनी होवाना अनुमान साथे सहमत थशे ज, तेनी खातरी ग्रंथ, नाम 'आत्मसंवाद' छे; आ नाम कर्ताए पोते २३मा पत्र पर हांसियामां मोटा अक्षरे नोंध्युं छे. नाम मुजब ज आमां आत्मा विशे विस्तारथी चर्चा थई छे. सर्वप्रथम नास्तित्ववादी चार्वाक साथे चर्चा छे, जे ग्रंथनो बहु मोटो भाग रोके छे. ते पछी सांख्य वादी साथेनो विवाद छे, जे एक-बे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 65