Book Title: Mahavira ka Jivan Sandesh
Author(s): Rajasthan Prakruti Bharati Sansthan Jaipur
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
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महावीर का जीवन संदेश
हमारी सारी दुनिया इस दोष मे, इस नशे मे फंसी हुई है । हिटलर राष्ट्रीय पैमाने पर यहूदियो का ध्वस किया । स्टालिन ने अपने लोगो को आदेश देकर जर्मनो का द्वेप सिखाया । उसने अपने लोगो को कहा कि जब तक काफी मात्रा मे जर्मनो का द्वेप न कर सको तव तक तुम्हे विजय मिलने की नही है ।
आज अमेरिका हम से नाराज है, क्योकि हम रशिया का द्वेष नही कर पाते, उस की ओर तथा चीन देश की प्रोर शक की निगाह से नही देखते । आज चद लोग हम पर बहुत नाराज है, क्योकि हम पाकिस्तान से प्रचारित द्वेष-धर्म का बदला द्वेप-प्रचार से नही लेते । हमारे पुण्य-पुरुपो ने सिखाया कि द्वेष का शमन द्वेष से नही होता । वैर से वैर बढता ही है। वर का शमन अवर से ही हो सकता है ।
हिन्दू संस्कृति की बुनियाद का वचन है 'न पापे प्रति पाप स्याद् ।' पापी का बदला लेने के लिये हम स्वयं पापी न वने । मैत्री की दृष्टि से हम सब की ओर देखे | सव की ओर यानी मित्र, उदासीन, तटस्थ, शत्रु, पापी, अनाचारी, दुराचारी, श्राततायी और दभी ऐसे सब की ओर हम मैत्री भाव से ही देखे और चले ।
भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रति, अमेरिका और इग्लैण्ड के प्रति, जापान और चीन के प्रति यही भाव रखा है। अमेरिका जैसे अनेक देश इलिये हम पर भले ही नाराज हो किन्तु वे समझ गये है कि हमारी यह नीति ही श्रेष्ठ नीति है । पाकिस्तान कुछ भी करे, हम उन्हे श्रन्याय नही करने देगे, किन्तु साथ-साथ उन के प्रति मैत्रीभाव ही रखेंगे । वधु-भाव को न हम छोडेंगे, न भूलेंगे ।
मैंने अब तक आतरराष्ट्रीय क्षेत्र की बातें की। हमे अपने समाज के अन्दर भी यही क्षमा-वृत्ति और मैत्री भावना दृढ करनी चाहिये । हमारे हाथां किसी का अन्याय न हो और किसी का, उसने हमारा अन्याय किया इमलिये, हम द्वेष न करें । अन्याय का प्रतिकार प्रवश्य करें, किंतु वदला लेने की बात सोचें तक नही ।
लेकिन मेरे मन मे शका उठनी है कि ग्राज की इस मभा के जैमी सभायें करने से यह काम हो सकेगा ?