Book Title: Mahavir aur Unki Ahimsa
Author(s): Prem Radio and Electric Mart
Publisher: Prem Radio and Electric Mart

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Page 111
________________ होगा "स्वयं भी जियो और दूसरों को भी जीने दो " (Live and let live ) । इन नियमो को मानने वाले संसार मे सब ओर शान्ति, प्रेम, अभय और विश्वास का वातावरण होगा । प्रत्येक व्यक्ति का हृदय करुणा से परिपूर्ण होगा तथा प्रत्येक व्यक्ति को यही ध्यान होगा कि उसके द्वारा किसी भी प्राणी को किसी भी प्रकार का कष्ट न पहुचे । इसलिए वहा पर दुख व कष्ट नाम की कोई वस्तु ही नही होगी । आप स्वयं निर्णय करे कि आपको इन दोनो मे से कौन से ससार मे रहना प्रिय लगेगा ? हम आपके सम्मुख एक और तथ्य रखते हैं । ससार के समस्त प्राणी दुख पाने से बचना और सुख पाना चाहते हैं। सुख उनको तभी मिल सकता है जब कोई भी अन्य प्राणी उनको किसी प्रकार का भी कष्ट न दे अर्थात् प्रत्येक प्राणी अहिसा का पालन करे । हम सब जानते है कि यदि कोई व्यक्ति आम प्राप्त करना चाहता है तो उसे आम ही बोने पडेगे । नीम बोकर कोई भी व्यक्ति आम प्राप्त नही कर सकता । इसी प्रकार यदि किसान को गेहू की फसल प्राप्त करनी है तो उसे गेहू ही बोना पडेगा । अर्थात् पहले उसे अपने पास के गेहू का त्याग करना पडेगा । इस त्याग के फलस्वरूप ही उसको कई गुना अधिक गेहू प्राप्त होगा। हम अधिक क्या कहे, एक जुआरी को भी धन जीतने के लिये, पहले अपने पास के धन को दाव पर लगाना होता है, तभी वह धन जीतने की आशा कर सकता है। इसी प्रकार यदि हमे सुख प्राप्त करना है तो हमें सुख का ही वृक्ष लगाना होगा। पहले हमें अपने वर्तमान सुख का त्याग करना होगा । हमे दूसरे १०६

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