Book Title: Mahavir aur Unki Ahimsa
Author(s): Prem Radio and Electric Mart
Publisher: Prem Radio and Electric Mart

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Page 161
________________ शोधो से पता चला है कि गर्भ स्थिति के प्रारम्भ के तीनचार महीनो मे शक्तिवर्द्धक औषधियां (Tonics) और कृत्रिम विटामिन सेवन करने से गर्भस्थ शिशु के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ने की सम्भावना रहती है और उसके शरीर मे तरह-तरह की विकृतियाँ आ सकती हैं। आज कल जुकाम-खासी हो जाने पर पेन बाम लगाने का चलन बहुत बढ़ गया है। अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको ने पेन बाम लगाने से होने वाली प्रतिक्रिया पर शोध की है। इस सम्बन्ध मे डाक्टर गेरी हूवर ने बताया है, "चूहो पर पेन बाम का प्रयोग करने से पता चला है कि जिन चूहो के पेन बाम लगाया गया, उनकी नाक व फेफडो मे जुकाम, खासी के विषाणुओ को समाप्त करने की प्राकृतिक सामर्थ्य बहुत कम हो गयी थी। जब कि अन्य चूहो ने, जिनके पेम बाम नही लगाया गया था, ६५ प्रतिशत विषाणुओ को नाक व फेफडो तक पहुचते ही समाप्त कर दिया।" अभी मनुष्यो पर पेन बाम की प्रतिक्रिया का अध्ययन नही किया गया है। परन्तु यह सभी जानते हैं कि जो बालक व व्यक्ति बन्द मकानो मे रहते हैं और कपडो से दबे-ढके रहते हैं उनके जुकाम-खासी बहुत जल्दी हो जाता है और जो बालक व व्यक्ति खुले में रहते है और जो पूरे कपडे भी नहीं पहनते, उनके जुकामखासी बहुत देर से असर करते हैं। आज कल टूथपेस्ट से दात साफ करने का रिवाज बढता जा रहा है। इस सम्बन्ध मे एक रोचक तथ्य की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहता हूँ। कुछ दिन हुए अमरीका मे डैनटिस्ट एसोसियेशन काग्रेस का जलसा हुआ था, जिसमे बहुत से ख्याति प्राप्त दातो के डाक्टर सम्मि

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