Book Title: Mahabandho Part 5 Author(s): Bhutbali, Fulchandra Jain Shastri Publisher: Bharatiya Gyanpith View full book textPage 9
________________ ३६६ ३७० ३८७ ३८६ ३८७ ३८८ ३७१ ३७२ ३८७ ३८८ ३८६६ ३८६ ३६२ ३७३ ३८६ अन्तर भाव अल्पबहुत्व अध्यवसानसमुदाहार तीन भेद प्रकृतिसमुदाहार दो भेद प्रमाणानुगम अल्पबहुत्व दो भेद स्वस्थान अल्पबहुत्व परस्थान अल्पबहुत्व स्थितिसमुदाहार दो भेद प्रमाणानुगम श्रेणिप्ररूपणा ३७१ दो भेद ३७२ अनन्तरोपनिधा ४१३ परम्परोपनिधा ३७२ अनुभागबन्धाध्यवसानस्थान दो भेद ३७३ अनन्तरोपनिधा ३७३ परम्परोपनिधा ३८६ ३७३ तीव्रमन्दता अनुकृष्टि ३८३ तीव्रमन्द ३६२ जीवसमुदाहार ३८७ ३६१ ३६२ ४१३ ३७३ ३६० ३६१ ३६२ ३६२ ३६६ ४१३ ३७३ ३७७ ३६८ ३७७ ४१३ ३८७ ४१५ ३८७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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