Book Title: Kuvalaymala Part 02 Author(s): Chandraguptasuri Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust View full book textPage 8
________________ (१७८) 1 अह तुंग-कणय-तोरण-सिहरोवरि-चलिर-धयवडाइल्लं । मणि-घडिय-सालभंजिय-सिरि-सोहं चामरिंद-सुहं ।। 3 वर-मणि-वराल-वारण-हरि-सरह-ससेहिँ संवराइण्णं । महमहमहेत-धूयं वण-माला-रुइर-लंबिर-पलंबं ।। 5 वर-वेजयंति-सोहं मुत्ताहल-रुइर-दीहरोऊलं । तक्खण-मेत्तेणं चिय विणिम्मियं दार-संघायं ।। 7 वर-कणय-पउम-राढा वियसिय-कंदोट्ट-कुसुम-चेंचइया । अच्छच्छ-वारि-भरिया रइया दारेसु वावीओ ।। 9 पवणुव्वेल्लिर-पल्लव-वियसिय-कुसुम-सुरहि-गंधाई । वर-चूय-चंपयासोय-सार-गरुयाइँ य वणाई ।। ।। एयस्स मज्झयारे रइयं देवेण मणिमयं तुंगं । कंचण-सेलं व थिरं वरासणं भुवण-णाहस्स ।। 13 तत्तो पसरिय-किरणं दित्तं भामंडलं मुणिवइस्स । वर-दुंदुही य दीसइ वर-सुर-कर-ताडिया सहसा ।। 15 कोमल-किसलय-हारं पवणुव्वेल्लंत-गोच्छ-चेंचइयं । बारस-गुण-तुंगयर असोग-वर-पायवं रम्मं ।। तत्तो वि फलिह-मइयं तिहुयण-सामित्तणेक्क-वर-चिंधं । चंदावलि व्व रइयं छत्त-तियं धम्मणाहस्स ।। 19 पासेहिँ चामराओ सक्कीसाणेहिँ दो वि धरियाओ । उक्कुट्ठि-सीह-णाओ णिवडंति य दिव्व-कुसुमाई ।। 21 एत्यंतरम्मि भगवं पुव्वद्दारेण पविसए धम्मो । तियस-पउमावलीए ठावंतो पाय-पउमाई ।। 1) P चलियधय. 2) P चावरिंद. 3) P ससिहिं. 4) P रइय for रुइर. 7) P कणयपोमराहा. 8) P reapeats रइया, J वाईओ. 9) P पवणुवेल्लिर. 10) P धूय for चूय. 11) देवेण मयं. 14) P साहसा for सहसा. 15) P राहं for हारं. 16) J जिण for गुण. 20) P उक्कट्ठिसीहनीहो, P adds वहंति before य. 22) P ठावंते.Page Navigation
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