Book Title: Kuvalaymala Kaha Ka Sanskritik Adhyayan
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Prakrit Jain Shastra evam Ahimsa Shodh Samsthan

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Page 426
________________ कुवलयमालाकहा का सांस्कृतिक अध्ययन फलक३: आभूषण १४. अट्ठट्टकंठयाभरण ( पृ० १५८ )-विभिन्न प्रकार के भारी हार पहने हुए वज्रपाणि बोधिसत्व। ( अजन्ता, फलक ७८ ) १५. कंठिका ( पृ० १५९ )-कंठिका पहने हुए स्त्री । ( अमरावती स्कल्प०, फलक ४ चित्र २६) १६, मुक्तावलि (पृ. १६१)-मुक्तामणि से युक्त एकावली पहने बोधिसत्व ( अजन्ता, फलक ७८) १७. कर्णफूल ( पृ० १५९ )-कर्णफूल का एक प्रकार । ( अजन्ता, फलक, ३३ ) १८. कुण्डल ( पृ० १६० )-अजन्ता की कला में छल्ले के आकार का कुण्डल ( वही) १९. कटिसूत्र ( पृ० १६० )-चंडातक को कमर पर कसे हुए दो लर वाला कटिसूत्र ( याजदानी, अजन्ता, भाग २, प्लेट २१ ) २०. मणिमेखला ( पृ० १६१ )-छुद्र घंटिकाओं वाली मेखला। ( अमरावती० फलक ८, चित्र २६ ) २१. रसना (पृ. १६१ )-दो लर वाली रसना। ( वही, चित्र २८ ) २२. कांची (पृ० १६० )-कमर का ढीला आभूषण कांची। वही, चित्र ३४ ) २३. कटक ( पृ० १३८ )-हाथ में ढीली चूड़ी पहने चामरग्राहिणी। ( याजदानी, अजन्ता, प्लेट २४, लेण. १) २४. वलय ( पृ० १६१ )-जड़ाऊ कंगन रूप वलय । ( अमरावती०, फलक 44 चित्र० १५) २५ नपुर ( पृ० १६० )-(क) थाल में नूपुर लिये परिचारिका । ( अमरावती फ० ९. चि. १८) (ख) पैर में पहिने हुए नूपुर । २६. महामुकुट ( पृ० १५८ )--रत्नजटित मोती की लड़ों से युक्त राजमुकुट । ( हेरिंगम, अजन्ता०, प्लेट १६, १८) navin

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