Book Title: Kuvalaymala Kaha Ka Sanskritik Adhyayan
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Prakrit Jain Shastra evam Ahimsa Shodh Samsthan

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Page 456
________________ ४३६ कुवलयमालाकहा का सांस्कृतिक अध्ययन वित्किन, डब्लू जो० : हिन्दू माइथोलाजी व्यास, सूर्यनारायण : विश्व कवि कालिदास-एक अध्ययन ज्ञानमण्डल प्रकाशन, इन्दौर वे० राघवन : यन्त्राज् एण्ड मैकेनिकल कण्ट्राइवन्सेज इन एन्शिएण्ट इंडिया, वेदालंकार, चन्द्रगुप्त : बृहत्तर भारत वेल्स : द मेकिंग आफ ग्रेटर इण्डिया शरण, अवधविहारी : मेगस्थनीज का भारत भ्रमण शर्मा, ठाकुरप्रसाद : हुएनसांग का भारत भ्रमण शर्मा, दशरथ : अर्ली चौहान डायनस्टीज, : राजस्थान श्रू द एजेज, गवर्नमेंट प्रेस, बीकानेर, १९६६ श्याम परमार : लोकधर्मी नाट्य परम्परा शास्त्री, कैलाशचन्द्र : उपासकाध्ययन, काशी, १९६५ शास्त्री, एन० : डवलपमेन्ट आफ रिलोजन इन साउथ इण्डिया शास्त्री, नेमिचन्द्र : आदिपुराण में प्रतिपादित भारत, वर्णी ग्रन्थमाला, वाराणसो, १९६६ : प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास, तारा पब्लिकेशन, वाराणसी, १६६४ " " : हरिभद्र के प्राकृत कथा साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन वैशाली, १९६६ शाह, यू० पी० : अकोटा बोंजेज , , : स्टडीज इन जैन आर्टस्, बनारस, १९५५ शिवराममूति : अमरावती स्कल्पचर्स हन द मद्रास गवर्नमेन्ट म्युजियम, मद्रास, १९५६ शुक्ला, डी० एन० : वास्तुशास्त्र, लखनऊ " " : भारतीय स्थापत्य, लखनऊ, १०६८ सत्येन्द्र : मध्ययुगीन हिन्दी साहित्य का लोकताविक अध्ययन, १९६० सरकार, डी० सी० : सेलेक्टेड इन्सक्रिप्सन्स, कलकत्ता, १६४२ : स्टडीज इन द ज्योग्राफी आफ एन्शियण्ट एण्ड मिडिएवल इण्डिया, दिल्ली, १९६० h , : इण्डियन एपिग्राफिकल ग्लोसरी, दिल्ली, १९६६ सांडेसरा : वर्णकसमुच्चय भाग १ सामर, देवीलाल : राजस्थानी लोक्यनाट्य, उदयपुर सालेतोर, आर०एन० : लाइफ इन गुप्ता एज, स्मिथ, बि० ए० : द अर्ली हिस्ट्री आफ इण्डिया, १९५७ : द हिस्ट्री आफ फाइन आर्ट इन इंडिया एण्ड सीलोन स्टेइन : जीनिस्टिक स्टडीज हन्दिकी : यशस्तिलक एण्ड इंडियन कल्चर, जीवराज जैन ग्रन्थमाला, शोलापुर हाफकिन्स, इ० डब्लू० : एपिक माइथोलाजी, स्ट्रासवर्ग, १९१५ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड २

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