Book Title: Kuvalaymala Kaha Ka Sanskritik Adhyayan
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Prakrit Jain Shastra evam Ahimsa Shodh Samsthan
View full book text ________________
४४६
कुवलयमालाकहा का सांस्कृतिक अध्ययन
कक्कसा २३६ कक्कोल ३२२ कच्छ ३६२ कच्छ की खाड़ी ७३ कच्छा १३६, १४४, १५६ कक्छोटक १४४ कजंगल ५७ कटक ८१, १५७, १५६, १६१, १६२, २९७ कटकसन्निवेश ३१२ कटक द्वीप २१३ कटिसूत्र १५७, १६०, १६२ कड्डोरा :६० कडू ३८७ कतार संकर ३१० कत्रिय १६८ कथनोपकथन १२ कथरी १४३ कथा के भेद १० कथानिबन्ध २३३ कथात्मकचित्र ३०२ कथासरित्सागर १९, ३६, ४३, २४२, ३८७ कथास्थापत्य १२ कथोत्थप्ररोहशिल्प १३ कणककर्म २३१ कणाद ३७६ ४०० कणिरकांची १५७, १६० कणुज्ज ११३ कण्णंतेडा-पालओ ३१६ कण्णंतेडर-महल्लओ ३१६ कदम्ब ३८६ कदलीघर ३२४ कनककदली ३२७ कनकप्रभा २७ कनर ६५ कनातें २१५ कन्दमूल ३५६
कन्नड़ ३५७ कन्नोज ५३, २४४ कन्या २३६ कन्या अन्तःपुर ३१६ कन्या अन्तःपुरपालक १६७,१२. कन्या अन्तःपुररक्षिका १६७ कन्याकुमारी ६१ कन्यापिशाचनी ३८६ कन्यालगन २३६ कन्याराशि २८१ कन्यासंवरण २४३ कपाट ३०६ कपास १६५ कपिल ३७७, ३७८ कपोतपाली ३३०, ३३१, ३६६ कप्पडाई १४० कप्पणिया ११२ कप्पासिय ११२ कमल ३७२ कमलाकार ३२४ कमलवनदीधिका ३२६ कमलवापी ३३३ कयाह २३६, ३६८ कनफूल १६० करधनी ६४, १६१, ३०८ करवत्त १६८,१६६ करवाल १६८, १६६ कराँची १६१ करालदंत १६८,१६६ करीषाग्नि दहन ३४८ करुणा ३६२ करोंत १६६ कर्क २३६ कर्केतनरत्न ३३४ कर्ण ४४ कर्णधार ( मल्लाह ) २०६
Loading... Page Navigation 1 ... 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516