Book Title: Kuvalaymala Kaha Ka Sanskritik Adhyayan
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Prakrit Jain Shastra evam Ahimsa Shodh Samsthan
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कुवलयमालाकहा पर शोध-सामग्री
पाण्डुलिपियाँ : 1. P. कागज पर लिखी प्रति ( १५वीं शताब्दी)
भण्डारकर ओरियन्टल रिसर्च इन्स्टीट्यूट, पूना में सुरक्षित । 2. J. ताडपत्रीय प्रति (१०८३ ई०)
जैन ग्रन्थ भण्डार, जैसलमेर में सुरक्षित । 3 कुव. की पूना पाण्डुलिपि की प्रेस कापी ( १९४२ )
संशोधनकर्ता-मुनि जिनविजय ( मुनि जी द्वारा सम्पादन-कार्य के लिए स्व० डा० ए० एन० उपाध्ये को हस्तान्तरित )
शोध-ग्रन्थ : 4. कुवलयमाला कथा ( संस्कृत रूपान्तर )-रत्नप्रभसूरि
सम्पादक-मुनि चतुरविजय,
__ श्री जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, १६१६ । 5. कुवलयमाला-दाक्षिण्यचिह्न उद्द्योतनसूरि,
(प्राकृतभाषा निबद्धा चम्पूस्वरूपा महाकथा ) प्रथम भाग सम्पादक-डा० आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये
सिंधी जैन ग्रन्थमाला. भारतीय विद्या भवन, बम्बई, १९५९ । 6. कुवलयमालाकथा-संक्षेप ( रत्नप्रभसूरि )
सं०-डा० ए० एन० उपाध्ये, बम्बई, १९६१ 7. Kuvalayamala (Part II) (Introduction, Notes etc.)
By Dr. A. N. Upadhye, Singhi Jain Granthamala, Bombay, 1970 8. कुवलयमाला ( गुजराती अनुवाद )
अनुवादक-श्री हेमसागर सूरि सह-सम्पादक-प्रो० रमणलाल शाह
प्रकाशक- आनन्द हेम ग्रन्थमाला, बम्बई, १९६५ 9. कुवलयमाला की २६ कथाओं का हिन्दी रूपान्तर
--- डा० प्रेम सुमन जैन
श्रमणोपासक, बीकानेर ( १९६७-६९)