Book Title: Karmastava
Author(s): Atmanandji Maharaj Jain Pustak Pracharak Mandal
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 133
________________ गा० २३- - उदीरगा। १- उदीरगावा प्रा० ६, ११. -उल ६ उरजदुग २, २५- उम्म १६ - उपसंतगुण ६-बंग ३२ - वंगतिग HOPPER २४ -ऊण २०, ३३ - एयर २४ ---- एसा ३ -थोड ११ - कम सं७ (१०३) उदीर उदीरणका श्रीदार श्रशरहि उपग्रम उपगान्तगुगा उपाङ्ग उप ऊन क्रम ऊ एकतर एपा शोध ए श्रो મ पिं० कर्म फल का अनुभव - "" 94 शारिरीग्ना० श्रदारिकशरीर और शौदाfreeफर्म. उपान्तकपात्रीनग स्थगुगास्थान, पृ०१२ न्यून. 91 कर्म दाङ्ग, वैकि restris और शाहा नामकर्म. दो में से एक. यह. सामान्य श्रनुक्रम.

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