Book Title: Kappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 02
Author(s): Bhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman, 
Publisher: Shubhabhilasha Trust

View full book text
Previous | Next

Page 306
________________ ७१५ भासगाहा-४९१८-४९२८] चउत्थो उद्देसो पुढवी ओस सजोती, हरिय तसा उवधितेण वासं वा । सावय सरीरतेणग, फरुसादी जाव ववहारो ॥४९२४॥ "पुढवी०" गाहा । जइ बाहिं पुढविक्काय ओस्सागणि-हरियकाय-तसापाणा तहा वि निग्गंतव्वं । अह बाहिं सावयसरीरतेणगभयं तो ण निग्गंतव्वं । ताहे फरुसवयणेहिं तं वेसत्थि भणंति-निग्गच्छाहि त्ति । अम्हे दाणि विसहिमो, इड्डिमपुत्त बलवं असहणोऽयं । णीहि अणिते बंधण, निवकड्डण सिरिघराहरणं ॥४९२५॥ अधिकारों वारणम्मि, जत्तिय अप्फुण्ण तत्तिया वसही। अतिरेग दोस भगिणी, रत्तिं आरोंदे निच्छुभणं ॥४९२६॥ "अम्हे दाणि०" ["अधिकारो०"] गाहा । कण्ठ्या । तह वि नत्थि निग्गच्छंति, बंधित्ता मुयंति, कल्ले जइ राउले कड्डिज्जति ता सिरिघराहरणं करेंति । अह कयाइ सइथिओ पुरिसो आगच्छेज्जा, तत्थ वि तहेव वारेयव्वं । एतदुक्तं भवति-अधिकारो वारणाए, तम्हा न चेव घंघसालाए ठायव्वं । जति ठितेसु सव्वं रुब्भइ ताए ठातव्वं अइरेगाए वित्थडाए ठियाणं दोसा भणिया । तत्थ य अणुलोमेणं वारिज्जमाणो भणइ-एस मे भगिणी सारक्खणिज्जा, साहुसमीवे अतक्कणिज्जा होहिति त्ति । एवं निब्बंधे ठितेसु अधरत्तिं पडिसेवितुमारद्धो, ताधे सो साहूहिं भणितो-निल्लज्ज ! किं अकज्जं करेहि जस्स मा एत्थे चिट्ठ। तओ सो आवरिओ कम्मेहिं, सत्तू विव उट्टितो थरथरंतो। मुंचति य भेंडितातो, एक्केक्कं भे निवादेमि ॥४९२७॥ निग्गमणं तह चेवा, निद्दोस सदोसऽनिग्गमे जतणा। सज्झाए झाणे वा, आवरणे सद्दकरणे वा ॥४९२८॥ "आवरिओ कम्मेहिं०" ["निग्गमणं०"] गाहा । कण्ठ्या । भिंडिताओ=रुट्ठाओ। ताहे- जहा पुव्वं वेसत्थियाए भणियं अणितेसु इमा जयणा । बोले कीरइ जहा न मुणे त्ति कन्नेट्ठएन्ति झाणलद्धी झाणं झाएंति, पिंडेणं सज्झायकरणेणं । एवं पि जयंतस्स कस्सइ कम्मोदओ होज्जा, कहं? १. जा एहि अ इ । २. रुंटाओ इति भाव्यम् ? रुंट = खणे, आवाज करना (पासम) ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423