Book Title: Kappasuttam
Author(s): Walther Schubring
Publisher: Jivraj Chellabhai Doshi
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चउत्थो उद्देसओ.
२५
गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरितए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरि - ए. कप्प से आपुच्छित्ता आयरस्यिं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित. ते य से वियरन्ति, एवं से कप्पइ अन्नं ग संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; ते य से नो वियरन्ति, एवं से नो कम्पइ अन्नं गणं संभोगपडि याए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए जत्थ उत्तरियं धम्म - वियणं लभेज्जा, एवं से कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; जत्थ उत्तरियं धम्म - विषयं नो लभेज्जा, एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित ए.
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२०. आयरियउवज्झाए य गणायवकम्म इच्छेज्जा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, नो कप्पइ आयरियउवज्झायस्स आयरियउवज्झायत्तं अनिक्खिवित्ता अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जि. ताणं विहरितए कप्पड़ आयरियउवज्झायस्स आयरियउवज्झायत्तं निक्खिवित्ता अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरिनए नो से कप्पड़ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरितए:

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