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कैलास श्रुतसागर ग्रंथ सूची जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: तेरे लाख का परध इकतालीस; अंति: सब ठावन मैं पाप नठ है, गाथा-४,
(वि. कृति के अंत में भरतक्षेत्रपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४७६. पे. नाम. धातकीखंड ६४ विदेहपरिमाण पद, पृ. २२५आ, संपूर्ण.
जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: धातकीखंडद्वीप के चोसठ; अंति: तीर्थंकर आठ सदी ध्याइयै, गाथा-४,
(वि. कृति के अंत में ६४ विदेहपरिमाण के अंक दिये हैं.) । ४७७. पे. नाम. कालोदधि सूची परध अरुजोजन प्रमाण, पृ. २२६अ, संपूर्ण. कालोदधिपरिमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: कालोदधि सूची उनतालीस लख; अंति: ग्यान
जहांनन कीन आच हैं, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में कालोदधिपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४७८. पे. नाम. लौनौदधि की सूची परध अरु जोजन प्रमाण, पृ. २२६अ, संपूर्ण. लवणोदधिपरिमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: लौनौदधि पांच लाख परध; अंति: ताकौ नाउ
निज सीस हैं, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में लवणोदधिपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४७९. पे. नाम. पौहकरा द्वीप की सूची परध अरु जोजन प्रमाण, पृ. २२६आ, संपूर्ण.
पुष्करावर्तद्वीपपरिमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: पहकरा सूची लाख पैंतालीस; अंति:
__ चैत्यालय ताकौ नमोकार हैं, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में पुष्करावर्तद्वीपपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४८०. पे. नाम. पुहकर अरधदीप के चौसठि विदेहतिन का प्रमाण, पृ. २२६आ, संपूर्ण. पुष्करावर्तद्वीप ६४ विदेहपरिमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: पुहकर अद्ध मै विदेह; अंति:
तीर्थंकर आठ सर्व सीस हैं, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में विदेहपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४८१. पे. नाम. पुहकरदीप अर्द्ध पूरव पछम आठ आठ लाख का व्यौरा, पृ. २२६आ-२२७अ, संपूर्ण. पुष्करावर्तद्वीपपूर्वपश्चिमाष्टाष्टलक्षपरिमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहि., पद्य, आदि: चौरानवैसै मेरु
भद्रसाल; अंति: आठ० हियै मांहि आनियै, गाथा-४, (वि. कति के अंत में पूर्वपश्चिमपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४८२. पे. नाम. पुष्करावर्तद्वीपभरतादि परिमाण पद, पृ. २२७अ, संपूर्ण. पुष्करावर्तभरतादि परिमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: भर्त्तखंड एक भाग हैमवंत; अंति:
तीर्थंकर आणंद के मेह है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में भरतादि परिमाण के अंक दिये हैं.) ४८३. पे. नाम. ढाइद्वीप मानषेत्तर सुद्धा सुद्धी तीस की परध अरु जोजन सवैया, पृ. २२७अ, संपूर्ण. मानुषोत्तरपरिमाण सवैया, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: माणषोत्तर उरध की सूची; अंति: सतावणो
कौ नमो ठाणनी, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में मानुषोत्तरपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४८४. पे. नाम. अढाईद्वीप २० नदी पूर्वपश्चिम प्रवाह पद, पृ. २२७अ-२२७आ, संपूर्ण. ढाईद्वीप २० नदी पूर्वपश्चिमप्रवाह पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: हिमवन ऊपर गंगा सिध औ
सिखर; अंति: सारी बीस नदी भइ है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में नदी प्रवाह के अंक दिये हैं.) ४८५. पे. नाम. अढाईदीप पचासे नदी ५० उत्तर को दक्षिण कौ गती का व्यौरा, पृ. २२७आ, संपूर्ण. ढाईद्वीप ५० नदी उत्तरदक्षिणप्रवाह पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: हिमवंत तै निकली उत्तर कौं;
अंति: भूमि आधी तापै नदी छाजू, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में उत्तरदक्षिण प्रवाह अंक दिये हैं.) ४८६. पे. नाम. अढाईद्वीप ५० नदी पूर्वपश्चिम प्रवाह पद, पृ. २२७आ-२२८अ, संपूर्ण.
ढाईद्वीप ५० नदी पूर्वपश्चिमप्रवाह पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहि., पद्य, आदि: बीस नदी पहाड सेती; अंति:
__ पूरवपछम होय सागरम जूरी है, गाथा-४. ४८७. पे. नाम. १४ नदी परिवार सवैया, पृ. २२८अ, संपूर्ण. १४ नदी परिवार पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: गंगासिंधु रकतौदाय चार नदी; अंति: पांच लाख
सठ सठही हजार है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में १४ नदीमान के अंक दिये हैं.) ४८८. पे. नाम. ४ मेरुपरिमाण पद, पृ. २२८अ, संपूर्ण.
जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहि., पद्य, आदि: जड मैं हजार एक ऊंचे; अंति: ग्यान जामै इह विधि राजऐं, गाथा-४.
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