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हस्तलिखित जैन साहित्य १.१.२७
५५ ८४ लाख नरकविलमान पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पहिं., पद्य, आदि: तीस लाख पचीस लाख पनरे लाख;
अंति: शीत उष्ण दुख टार है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में ८४ लाख विलमान के अंक दिये हैं.) ४६३. पे. नाम. ७ नरक विले संख्या, पृ. २२३अ-२२३आ, संपूर्ण... ७ नरकपाथडा बिलमान पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: सात नरक मांहि उनचास पाथडे; अंति:
करो तानो दख गिलै हैं, गाथा-४. ४६४. पे. नाम. जंबुद्वीप की सूची परध फलावट, पृ. २२३आ, संपूर्ण. जंबूद्वीपमान पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: जंबुद्वीप एक लाख की परध; अंति: जाननहार चेतन
की चेतना, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में जंबुद्वीपमान के अंक दिये हैं.) ४६५. पे. नाम. धातकीखंडकालोदधिसमद्रपुष्करद्वीपमान पद, पृ. २२३आ, संपूर्ण. जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: जंबुद्वीप सेती अगलै सागर; अंति: दीप यौं ही आगै मे वखानिय, गाथा-४,
(वि. कृति के अंत में धातकीखंडादि मान के अंक दिये हैं.) ४६६. पे. नाम. वारै कुलाचल दो इक्षाकार चौदेगिरि का प्रमाण, पृ. २२३आ-२२४अ, संपूर्ण. कोलाचलइक्षकारपर्वतमान पद, जै.क.द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: हिमवन हैं एक भाग महाहिमवन;
अंति: आठ सै व्यालीस लील है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में पर्वतमान के अंक दिये हैं.) ४६७. पे. नाम. सुदरसनमेरु को प्रमाण, पृ. २२४अ, संपूर्ण. सुदर्शनमेरुपर्वतप्रमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहि., पद्य, आदि: मेर की ऊंचाई सब एक लाख; अंति: नमौ
नाश कर्म थूलका, गाथा-४. ४६८. पे. नाम. मेरु का फलावट, पृ. २२४अ-२२४आ, संपूर्ण. मेरुपर्वतवनपरिमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: भूम पै हजार दशनंदण पै नौ; अंति: बतीस सह
जोजण विचार हैं, गाथा-४. ४६९. पे. नाम. मेरुपर्वतमहाविदेह अंतरपरिमाण सवैया, पृ. २२४आ, संपूर्ण. जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: मेरु चोरानवै सै भद्रसाल; अंति: आठ तीर्थंकर तारन तरन हैं, गाथा-४,
(वि. कृति के अंत में नदीजिनमान के अंक दिये हैं.) ४७०. पे. नाम. जंबुद्वीप के बतीस विदेह का प्रमाण, पृ. २२४आ, संपूर्ण. ३२ विदेहप्रमाण पद-जंबुद्वीप, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहि., पद्य, आदि: जंबुदीप के विह बतीसौं इक; अंति:
जीवा जिन हिरदै मैं आने है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में जंबुद्वीप प्रमाण के अंक दिये हैं.) ४७१. पे. नाम. जंबुद्वीप में सब नदी तिनका प्रमाण, पृ. २२४आ-२२५अ, संपूर्ण. जंबूद्वीपनदीपरिमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: बत्तीसवे मांही चोसठ है; अंति: प्रतिमाजी
ताकौ नमोकार है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में नदीपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४७२. पे. नाम. धातकीखंड १४ पर्वत १४ क्षेत्र आदसूचीपरिमाण पद, पृ. २२५अ, संपूर्ण. जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: भाग एक भाग का प्रमाण० धात; अंति: कहो साचे लोक ईस हैं, गाथा-४,
(वि. कृति के अंत में आदसूचीपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४७३. पे. नाम. धातकीखंड १४ पर्वत १४ क्षेत्र मध्यमसूचीपरिमाण पद, पृ. २२५अ, संपूर्ण. जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: भाग एक भाग का प्रमाण० धात; अंति: कहे केवली प्रकाश है, गाथा-४,
(वि. कृति के अंत में मध्यमसूचीपरिमाण के अकं दिये हैं.) ४७४. पे. नाम. धातकीखंड १४ पर्वत १४ क्षेत्र अंतसूचीपरिमाण पद, पृ. २२५अ-२२५आ, संपूर्ण. जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: भाग एक भाग का प्रमाण०; अंति: भाग कहैं माने नाहि सठ है, गाथा-४,
(वि. कृति के अंत में अंतसूचीपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४७५. पे. नाम, धातकीखंडस्थित भरतक्षेत्रपरिमाण पद, प. २२५आ, संपूर्ण.
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