________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आशरा.
भान भूलीने गयो छु सन्मति तुं मुजने देजे राह भूली गयो छु मने राह बतावी देजे माया केरी आ दुनियामां रझळी पड्यो छु आज... ओ शंखेश्वरा
आशरा इस जहां का... आशरा ईस जहां का मिले ना मिले । मुज को तेरा सहारा सदा चाहिये. यहां खुशीयाँ है कम और ज्यादा है गम जहां देखो वहां है भरम ही भरम मेरी महेफील में (२) शमां जले ना जले मुजको तेरा उजाला सदा चाहिये मेरी धीमी है चाल और पथ है विशाल हर कदम पर मुसीबत है... अब तो संभाल पैर मेरे थके है... (२) चले ना चले... मुजको तेरा इशारा सदा चाहिये कभी वैराग है कभी अनुराग है जहां बदलते है माली वो ही बाग है
२५९
For Private And Personal Use Only